झारखंड

अब रांची में नहीं दिखेंगे कचरे के ढेर, कंप्रेस्ड गैस प्लांट में बनेगा खाद-बायो गैस

गेल (Gail) के झिरी (Jhiri) स्थित बायो कंप्रेस्ड गैस प्लांट (Bio Compressed Gas Plant) से जल्द ही कचरे से खाद (Fertilizer) और बायो गैस (Bio Gas) बनेगा।

Compressed Gas Plant in Ranchi : राजधानी Ranchi के लोगों के लिए खुशखबरी। अब उन्हें जगह-जगह कचरा (trash) के ढेर की परेशानी से मुक्ति मिल सकेगी।

गेल (Gail) के झिरी (Jhiri) स्थित बायो कंप्रेस्ड गैस प्लांट (Bio Compressed Gas Plant) से जल्द ही कचरे से खाद (Fertilizer) और बायो गैस (Bio Gas) बनेगा।

इससे उत्पादित गैस से वाहन दौड़ेंगे। घरों के चूल्हे भी जलेंगे। इसी माह इस योजना के शुरू होने की संभावना है।

रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ (Sanjay Seth) ने कहा कि तीन साल पहले Ranchi में बायो गैस प्लांट स्थापित करने के लिए उस समय के केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) और धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) से आग्रह किया था।

उन्होंने तुरंत इस पर काम शुरू करने का निर्देश दिया। अब यह धरातल पर दिखेगा।

प्लांट की क्षमता 150 मीट्रिक टन

प्लांट की क्षमता 150 मीट्रिक टन की है। गीले कचरे को बायो गैस (Bio Gas) में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रारंभ में 150 मीट्रिक टन कचरा से 5,000 KG प्रतिदिन बायो गैस का उत्पादन किया जाएगा बाद में उत्पादन बढ़ा कर हर दिन 10,000 KG कर दिया जाएगा।

हर दिन 25 टन ऑर्गेनिक खाद (Organic Fertilizer) भी तैयार होगा। गेल के एक अधिकारी के मुताबिक, प्लांट शुरू करने के लिए तैयारी लगभग पूरी हो गयी है। बारिश कम होने पर जल्द ही इसका उद्घाटन होगा।

Gail का यह प्लांट झिरी में आठ एकड़ में बना है। उत्पादन शुरू होने के बाद इसे कैसकेड में भर कर शहर के अलग-अलग CNG और PNG स्टेशनों पर भेजा जायेगा, ताकि इसका प्रयोग किया जा सके।

बायो गैस बनाने के लिए गीले कचरे की जरूरत होती है। इसके लिए रांची नगर निगम (Ranchi Municipal Corporation) सहयोग कर रहा है।

कचरा संग्रहण करने वाली एजेंसी गीला और सूखा कचरा अलग-अलग ले रही है. साथ ही रांची नगर निगम की ओर से भी लोगों को सूखा और गीला कचरा अलग-अलग रखने की अपील की जा रही है।

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