Hemant Soren Reaches High Court : सोरेन ने ED की कार्रवाई और गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दायर की थी। 21-22 मई को सुप्रीम कोर्ट की वेकेशन बेंच ने इस याचिका पर सुनवाई की थी।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी जताई कि सोरेन की ओर से फाइल की गई Petition में इस फैक्ट को छिपाया गया कि उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED की स्पेशल कोर्ट संज्ञान ले चुकी है।
जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) केस में जेल में बंद झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने अब झारखंड हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की है। इसके पहले 22 मई को उन्होंने ED की कार्रवाई और गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट की इजाजत के बाद वापस ले ली थी।
हाईकोर्ट में सुनवाई के बीच JMM नेता पहुंचे थे सुप्रीम कोर्ट
इस मामले में सुनवाई के बाद झारखंड हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसी बीच, हेमंत सोरेन सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और जमानत देने का आग्रह किया।
हेमंत सोरेन के वकील और ED के वकील की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी जताई कि Senior Advocate Kapil Sibal ने केस से जुड़े तथ्य छुपाए हैं।
इसलिए जज ने कहा कि वह याचिका को खारिज करने जा रहे हैं। इस पर कपिल सिब्बल ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए याचिका वापस लेने की अनुमति देने का आग्रह किया। कोर्ट ने उन्हें याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी।
रांची की स्पेशल PMLA (प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) कोर्ट ने 13 मई को हेमंत सोरेन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। सोरेन की ओर से दाखिल जमानत याचिका में कहा गया है कि उनके खिलाफ जिस 8.86 एकड़ जमीन पर कब्जे का आरोप लगाते हुए ईडी ने कार्रवाई की है, उससे संबंधित एक भी दस्तावेज ED के पास नहीं है।
यह झारखंड की सीएनटी (Chhotanagpur Tenancy Act) के तहत भुईंहरी नेचर की जमीन है, जो किसी भी हाल में किसी व्यक्ति के नाम पर ट्रांसफर नहीं किया जा सकता।