Rahul Turi’s last rites: रामगढ़ और हजारीबाग पुलिस के ज्वाइंट ऑपरेशन में मारे गए कुख्यात अपराधी राहुल तुरी (Rahul Turi) उर्फ आलोक का अंतिम संस्कार हो गया। सोमवार दोपहर उसके शव का रामगढ़ के दामोदर नदी घाट पर परिवार वालों ने अंतिम संस्कार किया।
राहुल के भाई सत्यम कुमार तुरी (Satyam Kumar Turi) ने उसे मुखाग्नि दी। इस दौरान उसके परिवार के अन्य सदस्य भी मौजूद रहे। राहुल के शव को उसके भाई सत्यम कुमार तुरी, मामा गणेश तुरी और एक अन्य रिश्तेदार विजय कुमार ने पोस्टमार्टम हाउस से रिसीव किया।
वे लोग शव को अपने पैतृक गांव नहीं ले जाना चाहते थे। इस वजह से उसका अंतिम संस्कार (Last Rites) रामगढ़ में ही किया गया। अंतिम संस्कार में रामगढ़ पुलिस के द्वारा भी उन्हें सहयोग किया गया है।
अंतिम संस्कार में नहीं शामिल हो पाया राहुल का बाप छोटन तुरी
भाई का अंतिम संस्कार करने के बाद सत्यम कुमार तुरी ने बताया कि बाकी की प्रक्रिया वह अपने पैतृक गांव से ही करेगा। उसने बताया कि अपनी भाई की हरकतों की वजह से उसका पूरा परिवार बिखर गया।
पहले उसके पिता छोटन तुरी उर्फ बादल तुरी ने अपराध जगत में कदम रखा था। उसपर दर्ज़ हुए दर्जनों प्राथमिकी की वजह से आज वह जेल में है। बेटे के अंतिम संस्कार में भी उसे शामिल होने का मौका नहीं मिला।
दामोदर घाट पर पहुंची माता संगीता देवी और परिवार के अन्य सदस्यों ने भी अपराध को लेकर छोटन दूरी को ही जिम्मेदार ठहराया। उसने कहा कि पिता की वजह से ही राहुल तुरी भी अपराध जगत में कदम रख चुका था।
पिछले एक वर्षों से वह लगातार फरार चल रहा था। बाप-बेटे जब आपराधिक दुनिया से बाहर नहीं निकले, तो पूरे परिवार को पिछले एक साल से भगोड़े की तरह ही जिंदगी जीनी पड़ी।