रांची: सेंटर ऑफ ट्रेड यूनियन (सीटू) की ओर से राज्य में 10 दिनों का अभियान चलाया गया। यह अभियान पूरे देश के ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में चला। गुरुवार को अभियान का समापन किया गया।
इसके तहत अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों को प्रधानमंत्री के नाम मांग पत्र सौंपा गया। इसमें मुख्य रूप से ग्रामीणों की मांगें उठायी गयीं।
सीटू के राज्य महासचिव प्रकाश विप्लव ने बताया कि राज्य में यह अभियान पूरे दस दिन चला।
अभियान का मुख्य उद्देश्य कोरोना के दौरान लोगों को हुई समस्याओं की जानकारी एकत्र करना रहा।
राज्य के 107 प्रखंडों में प्रखंड विकास पदाधिकारी, छह नगर पर्षदों, 11 नगर पंचायतों में कार्यपालक पदाधिकारी, तीन प्रमंडलों में आयुक्त, 16 जिलों में उपायुक्त और 27 अनुमंडलों में अनुमंडलाधिकारी को मांग पत्र दिया गया।
प्रकाश ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्रों में कोयला, इस्पात, लौह-अयस्क, निर्माण, बीड़ी, पत्थर और परिवहन कामगारों सहित स्कीम वर्करों फुटपाथ वेंडरों और हॉकरों के साथ बैठक की गयी।
इस दौरान कोरोना गाइडलाइन का पालन किया गया। इस दौरान मुख्य रूप से ग्रामीण इलाकों में प्रचार अभियान और बैठक की गयी।
प्रकाश ने बताया कि अभियान के तहत चार सौ जगह में बैठक की गयी। प्रधानमंत्री को सौंपे 14 सूत्रीय मांग पत्र में इन बैठकों के निष्कर्ष के अनुसार समस्याएं बताते हुए मांगें रखी गयीं।
ये हैं मांगें
निशुल्क आरटीपीसीआर टेस्ट के साथ कोविड पॉजिटिव लोगों को मुफ्त दवा देने, ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की बाध्यता खत्म करते हुए मोबाइल के जरिये ग्रामीण इलाकों में टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध कराने, स्वास्थ्यकर्मियों की बहाली के साथ अस्पतालों में साधकों की पूर्ति करने, सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में भी वैक्सीन का उत्पादन कराने, प्रवासी मजूदरों को निशुल्क परिवहन व्यवस्था मुहैया सहित