Ranchi IAS Manish Ranjan: ED ने IAS मनीष रंजन को फिर से समन भेजा है। ED ने उनको इस बार 28 मई को पूछताछ के लिए बुलाया है।
झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व सचिव और वर्तमान में राजस्व व भवन निर्माण विभाग (Building Construction Department) के सचिव मनीष रंजन शुक्रवार को ED कार्यालय में हाजिर नहीं हो पाये थे।
इसलिए ED ने उन्हें एक बार फिर समन जारी करते हुए 28 मई को ED के कार्यालय में हाजिर होने को कहा है।
मनीष रंजन ने मांगा था तीन सप्ताह का समय
बता दें कि मनीष रंजन को शुक्रवार को दिन के 11 बजे ED कार्यालय में उपस्थित होना था, मगर उन्होंने इससे पहले राजस्व विभाग के एक कर्मचारी को विशेष दूत के तौर पर भेजकर तीन सप्ताह का समय मांगा। इस संबंध में उन्होंने ED को पत्र भेजा था।
ED ने इसकी जानकारी दिल्ली मुख्यालय को दी। दिल्ली मुख्यालय (Delhi Headquarters) ने इस मामले में तीन सप्ताह का समय नहीं देने का निर्णय लिया था। अब इस मामले में ED ने मनीष रंजन को दूसरा समन भेजकर उन्हें 28 मई को बुलाया है।
PM मोदी के कार्यक्रम का हवाला देकर मांगा था समय
ED को भेजे अपने पत्र में मनीष रंजन ने कहा था कि झारखंड में चुनाव को लेकर PM Narendra Modi के चुनावी दौरे हो रहे हैं। इन दौरों में सुरक्षा व्यवस्था और प्रोटोकॉल की जिम्मेदारी उनकी है, इसलिए उन्हें तीन सप्ताह का समय चाहिए।
उन्होंने लिखा कि PM मोदी के धनबाद दौरे में सुरक्षा संबंधी चूक हुई थी, इस मामले में भी वह रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं।
ED ने मनीष रंजन से उनके और उनके आश्रितों के बैंक खातों, चल-अचल संपत्तियों का ब्योरा भी मांगा था। यह जानकारी जुटाने के लिए भी मनीष रंजन ने ED से समय मांगा था।
कमीशनखोरी मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं मंत्री आलमगीर आलम
बता दें कि टेंडर में कमीशनखोरी के मामले में ED अब तक पूर्व मंत्री आलमगीर आलम, संजीव लाल, जहांगीर आलम, चीफ इंजीनियर बीरेंद्र राम, CA मुकेश मित्तल सहित अन्य लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
ग्रामीण विकास विभाग से जुड़े कई लोगों की गिरफ्तारी (Arrest) के बाद कई सबूत ED के हाथ लगे हैं, जिससे लगातार नये-नये राज खुल रहे हैं। यह भी पता चला है कि एक एक्सेल शीट में कथित तौर पर कमीशनखोरी का हिसाब रखा जाता था और इसी में IAS मनीष रंजन का नाम भी था।
यही कारण है कि ED ने मनीष रंजन को पूछताछ के लिए बुलाया है। गौरतलब है कि ED ने कोर्ट में यह उजागर किया था कि ग्रामीण विकास विभाग के टेंडर में अधिकारी से लेकर मंत्री तक कमीशन खाते थे।