रांची: रेमडेसिवीर remdesivir कालाबाजारी के मामले में अपराध अनुसंधान विभाग (CID ) ने एनआरएचएम को पत्र लिखकर अस्पतालों में आवंटन की प्रक्रिया की जानकारी मांगी है।
सीआईडी सूत्रों ने बताया कि इसी जानकारी के आधार पर सीआईडी कालाबाजारी मामले में आगे की जांच करेगी।
सीआईडी ने एनआरएचएम से पूछा है कि रेमडेसिविर remdesivir को क्या कंट्रोल्ड ड्रग की श्रेणी में रखा गया है।
यदि कंट्रोल्ड ड्रग की श्रेणी में रेमडेसिविर को रखा गया है, तो क्या इससे संबंधित अधिसूचना विभाग ने जारी की है।
रेमेडिसिविर के कालाबाजारी के मामले में कोतवाली थाने में दर्ज जिस कांड को सीआईडी ने टेकओवर किया था।
उस कांड की समीक्षा के बाद और हाईकोर्ट की मॉनिटरिंग में कई बिंदूओं पर जांच शुरू की गई है।
रेमेडेसिविर के आवंटन से लेकर कालाबाजारी के क्रम में कोई सरकारी अफसर शामिल हैं या नहीं, इसकी भी जांच की जा रही है।
रेमेडेसिविर की कालाबाजारी के मामले में रांची के ग्रामीण एसपी नौशाद आलम का बयान दर्ज हुआ है।
सीआईडी ने आईपीसी 161 के तहत ग्रामीण एसपी का बयान दर्ज किया है। नौशाद आलम ने सीआईडी को बताया है कि वह कालाबाजारी के आरोपी राजीव सिंह को पूर्व में नहीं जानते थे, सोशल मीडिया में राजीव सिंह के बारे में जानकारी मोबाइल नंबर के साथ छपी थी।
जिसके बाद उन्होंने राजीव सिंह से संपर्क किया था। सीआईडी ग्रामीण एसपी के इस बयान की भी गहनता से जांच कर रही है।
इसके अलावा राजीव सिंह के मोबाइल के सीडीआर और व्हाट्सएप चैट से भी सीआईडी रेमेडेसिविर कालाबाजारी के लिंक तलाशने में जुटी है।
रेमेडेसिविर के कालाबाजारी के मामले में आरोपी राजीव सिंह के मोबाइल में कई अहम सुराग मिलने की उम्मीद है।
राजीव सिंह के मोबाइल के सीडीआर और व्हाट्सएप चैट खंगालने व यदि कोई डाटा डिलिट किया गया हो, तो उसे फिर से स्टोर कर पड़ताल का निर्देश सीआईडी के अधिकारियों ने केस के अनुसंधानकर्ता को दिया है।