Sheela Devi Sentenced to 10 years in Human Trafficking Case: अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय संजय कुमार दुबे (Sanjay Kumar Dubey) की अदालत ने मानव तस्करी के मामले में आरोपी शीला देवी को 10 साल की सजा और एक लाख रुपये जुर्माना (Fine) ठहराया है।
अदालत ने यह निर्णय सत्रवाद 188/2013 की सुनवाई के बाद दिया।
अपराधी शीला देवी पर आरोप था कि उसने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर मनिका थाना क्षेत्र के कमारू ग्राम निवासी प्रभु भुइंया की पुत्री रजांति कुमारी का अपहरण कर दिल्ली ले जाने का अपराध किया।
मामला दर्ज होने के बाद अनुसंधानकर्ता पुलिस अधिकारी मारियानुष खलखो ने शीला देवी और उसके पति राजेश भुइंया के खिलाफ आरोप पत्र अदालत में पेश किया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, इस मामले में कुल सात गवाहों की गवाही कलमबंद की गई। अदालत ने धारा 370/34 के तहत शीला देवी को 7 साल के सश्रम कारावास और एक लाख रुपये जुर्माना की सजा सुनाई। जुर्माना न चुकाने की स्थिति में 10 महीने का साधारण कारावास अतिरिक्त सजा के रूप में निर्धारित किया गया।
धारा 371/34 के तहत शीला देवी को 10 साल की सश्रम कारावास और 75,000 रुपये जुर्माना की सजा सुनाई गई, जबकि धारा 372/34 के तहत 7 साल की सश्रम कारावास और 50,000 रुपये जुर्माना की सजा दी गई। जुर्माना (FinE) न देने पर अतिरिक्त साधारण कारावास का प्रावधान किया गया है।
अदालत ने सभी सजाओं को एक साथ चलने का आदेश दिया और जेल में बिताए गए समय को सजा की अवधि में समायोजित करने का निर्देश दिया।
अभियोजन पदाधिकारी अशोक कुमार दास ने बताया कि आरोपियों ने पीड़िता के साथ अमानवीय व्यवहार किया और उसे वर्षों तक दिल्ली में कैद रखकर परिजनों से बातचीत पर प्रतिबंध लगा दिया था।