Supreme Court on Hemant Soren’s petition: झारखंड के पूर्व CM हेमंत सोरेन को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से राहत नहीं मिली। सोरेन ने ED की कार्रवाई और गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका दायर की है।
उन्होंने चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत की भी गुहार लगाई है, लेकिन, Justice संजीव खन्ना और Justice दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि आज समयाभाव के कारण इस पर विस्तृत सुनवाई नहीं हो सकती।
कोर्ट ने याचिका को अगले मंगलवार यानी 21 मई को सुप्रीम कोर्ट की अवकाश पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया। शुक्रवार को जब सुप्रीम कोर्ट के समक्ष यह मामला सामने लाया गया तो ED की तरफ से Additional Solicitor General SV राजू ने इस पर जवाब के लिए समय की मांग की।
कोर्ट ने जब हेमंत सोरेन की अंतरिम जमानत के संबंध में ASG से जानना चाहा तो उन्होंने कहा कि सोरेन को 31 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था और उनकी नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। उन्होंने यह भी बताया कि चुनाव के चार चरण पहले ही खत्म हो चुके हैं।
सोरेन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि अभी तीन चरणों के चुनाव 20, 25 मई और 1 जून को हैं और इस पर विचार किया जाना चाहिए। इस पर बेंच ने कहा कि जब तक बेंच इस मामले में प्रथम दृष्टया संतुष्ट नहीं हो जाती, कोई आदेश पारित नहीं किया जा सकता।
पीठ ने कहा कि आज विस्तृत सुनवाई का समय नहीं है। बेंच ने ED को सोमवार तक जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए सुनवाई स्थगित कर दी। इसके पहले झारखंड उच्च न्यायालय (Jharkhand High Court) ने गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली हेमंत सोरेन की याचिका खारिज कर दी थी। हाईकोर्ट के इस फैसले को चुनौती देते हुए सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
बता दें कि रांची के बड़गाईं अंचल में 8.66 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जे और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में ईडी ने 31 जनवरी को हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। ED ने मामले में 30 मार्च को अदालत में हेमंत सोरेन के अलावा जमीन के मूल रैयत राजकुमार पाहन, हेमंत सोरेन के करीबी विनोद कुमार, राजस्व उपनिरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद और हिलेरियस कच्छप के खिलाफ चार्जशीट भी फाइल की है।
इसमें बताया गया है कि Hemant Soren ने न सिर्फ गैरकानूनी तरीके से जमीन हासिल की, बल्कि जांच शुरू होने पर साक्ष्यों को नष्ट करने की कोशिश की।