रांची: एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट यानी प्रवर्तन निदेशालय (ED) के डायरेक्टर के तीसरे कार्यकाल को बढ़ाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा गैरकानूनी करार देने पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है।
पार्टी के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य (Supriyo Bhattacharya) ने बुधवार को पार्टी कार्यालय में हुई प्रेस वार्ता (Press Conference) में कहा कि ED के गलत इस्तेमाल पर से सुप्रीम कोर्ट ने पर्दा उठा दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से यह सच सामने आ गया कि किस तरह केंद्र सरकार ED सहित अन्य जांच एजेंसियों का अपने राजनीतिक फायदे और राजनीतिक दुश्मनी (Political Advantage and Political Rivalry) निभाने के लिए इस्तेमाल कर रही है। अब केंद्र सरकार को अपने किए पर आत्ममंथन करना चाहिए।
भाजपा की ओर ईडी का ध्यान क्यों नहीं जाता
सुप्रियो ने कहा कि इलेक्टोरल बांड (Electoral Bonds) के जरिए वित्तीय वर्ष 2021-22 में देश के राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय दलों के खाते में 9288.36 करोड़ रुपये आए।
इसमें से 55% यानी 5271.975 करोड रुपये केवल भाजपा के खाते में आए। यह एक तरह से मनी लॉन्ड्रिंग का भी मामला बनता है, मगर ईडी का ध्यान इस ओर कभी नहीं गया।
जनता सब देख और समझ रही है
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि ED का कैसे गलत इस्तेमाल हो रहा है, इसका जीता-जागता प्रमाण महाराष्ट्र है।
जहां पर NCP के एक विधायक पर ईडी का छापा पड़ता है और तुरंत बाद महाराष्ट्र सरकार में शामिल होकर मंत्री बन जाता है। देश की जनता सारा कुछ देख और समझ रही है। समय पर इसका जवाब मिलेगा।
भाजपा कार्यालय को घेरने वालों को बाबूलाल ने कहा था जमीन दलाल
JMM नेता ने भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) पर निशाना साधते हुए कहा कि मध्यप्रदेश के सीधी की घटना के विरोध में जब आदिवासी लोग भाजपा कार्यालय घेराव कर रहे थे, तो उन्होंने कहा कि ये लोग आदिवासी नहीं जमीन दलाल हैं, तो अब यह सवाल उठता है कि बाबूलाल मरांडी के अध्यक्ष बनने के बाद पूरे शहर में जितने पोस्टर लगे हैं, उनके स्वागत और सम्मान में, वे लोग कौन हैं, इसे बाबूलाल को खंगालना चाहिए।
भाजपा कार्यालय के घेराव के दिन आदिवासी संगठनों (Tribal Organizations) में वे लोग भी शामिल थे, जो कभी झारखंड विकास मोर्चा के साथ नेता हुआ करते थे।