झारखंड में अनुराग गुप्ता को प्रभारी DGP बनाने पर सुप्रीम कोर्ट ने लिया संज्ञान, अब..

गौरतलब है कि इस संबंध में नरेश मखानी ने अवमानना याचिका दाखिल की थी। चीफ जस्टिस DY चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पार भौर जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने शुक्रवार को इस पर सुनवाई करत झारखंड के मुख्य सचिव एल खियांग्ते और अनुराग गुप्ता को नोटिस जारी किया है

Central Desk
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Supreme Court on making Anurag Gupta in-Charge DGP : झारखंड (Jharkhand) में सीनियर IPS अनुराग गुप्ता (Anurag Gupta) को प्रभारी DGP बनाने का मामला विवादों में फंस गया है।

बिना किसी ठोस कारण के सिर्फ 17 महीने में स्थायी DGP अजय कुमार सिंह (Ajay Kumar Singh) को हटाकर अनुराग गुप्ता को प्रभारी DGP बनाने पर Supreme Court ने संज्ञान लिया है।

शुक्रवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने बताया कि झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा पहले दिए गए आदेश की अवहेलना की है।

प्रकाश सिंह बनाम भारत सरकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए राज्य सरकार ने गुप्ता को प्रभारी DGP  नियुक्त किया है। उन्होंने अनुराग गुप्ता की पदस्थापना रद्द करने का आग्रह किया है।

नोटिस जारी, 23 सितंबर को अगली सुनवाई

गौरतलब है कि इस संबंध में नरेश मखानी ने अवमानना याचिका दाखिल की थी। चीफ जस्टिस DY चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पार भौर जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने शुक्रवार को इस पर सुनवाई करत झारखंड के मुख्य सचिव एल खियांग्ते और अनुराग गुप्ता को नोटिस जारी किया है।

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दोनों को दो सप्ताह के भीतर अपना पक्ष रखने को कहा गया है। इस मामले की अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी।

सुप्रीम कोर्ट की है गाइडलाइन

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने DGP के पदस्थापन को लेकर एक गाइडलाइन तय की थी। इसमें कहा गया था कि कोई भी अधिकारी दो साल के लिए DGP बनेगा।

दो साल से पहले उन्हें पद से हटाने के लिए ठोस कारण होना चाहिए। लेकिन झारखंड सरकार ने यूपीएससी पैनल के माध्यम से DGP बनाए गए अजय कुमार सिंह को 17 माह में ही पद से हटा दिया था।

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