Tribal and Mines Tourism in Jharkhand : झारखंड (Jharkhand) सरकार आदिवासी संस्कृति (Tribal Culture) और राज्य के पर्यटन (Tourism) को बढ़ावा देने के लिए बड़े कदम उठा रही है।
इसके तहत राज्य में जल्द ही ट्राइबल टूरिज्म (Tribal Tourism) की शुरुआत होगी।
पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू (Sudivya Kumar Sonu) ने बताया कि इसका पहला चरण तमाड़ के अड़की से उलिहातू तक विकसित किया जाएगा।
यह क्षेत्र भगवान Birsa Munda की जन्मस्थली है, जहां पर्यटक आदिवासी जीवनशैली और उनके खानपान से रूबरू हो सकेंगे।
माइंस टूरिज्म की शुरुआत
मंत्री ने बताया कि राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए माइंस टूरिज्म (Mines Tourism) भी शुरू किया जाएगा।झारखंड में CCL और BCCL की कई कोयला खदाने हैं, जहां पर्यटक ‘ओपन कास्ट माइंस’ का अनुभव ले सकेंगे।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का लक्ष्य है कि झारखंड को खनन की पहचान से हटाकर पर्यटन की नई पहचान दी जाए।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि राज्य में टूरिस्ट और धार्मिक स्थलों का सर्किट बनाया जा रहा है। हर 25 किमी पर रेस्ट प्वाइंट बनाए जाएंगे, जहां पर्यटकों के लिए मूलभूत सुविधाओं के साथ खानपान की व्यवस्था भी होगी।
वाटरफॉल, जंगल, और अन्य दर्शनीय स्थलों पर भी पर्यटन सुविधाओं का विकास किया जा रहा है।
जल्द होगा ग्लास ब्रिज का निर्माण
नेतरहाट के कोयल व्यू प्वाइंट पर ग्लास टावर और मैगनोलिया प्वाइंट समेत दशम फॉल, जोन्हा फॉल और पतरातू वैली में ग्लास ब्रिज (Glass Bridge) बनाए जाएंगे।
इसके अलावा, पलामू का ऐतिहासिक किला और हजारीबाग के मेगालिथ को भी संरक्षित और विकसित करने की योजना है।
स्पेन से सीखेंगे पर्यटन के नए आयाम
झारखंड की पर्यटन टीम, जिसमें मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू, सचिव मनोज कुमार, निदेशक अंजलि यादव और उपनिदेशक राजीव कुमार सिंह शामिल हैं, स्पेन के मैड्रिड में 22-26 जनवरी तक आयोजित इंटरनेशनल टूरिज्म ट्रेड फेयर (फितूर) में भाग ले रही है।
यह टीम वहां पर्यटन उद्योग के आधुनिक दृष्टिकोण और नवाचारों को समझेगी। गणतंत्र दिवस समारोह के मद्देनजर मंत्री 24-25 जनवरी को रांची लौटेंगे।