Union Home Ministry :केंद्रीय गृह मंत्रालय ने झारखंड के DGP अनुराग गुप्ता के सेवा विस्तार को गलत ठहराते हुए राज्य सरकार को पत्र भेजकर स्पष्ट किया है कि उनकी सेवा 30 अप्रैल 2025 को समाप्त हो जाएगी।
जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय ने 28 अप्रैल 2025 को X पर इसकी जानकारी दी, जिसमें उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय ने झारखंड सरकार के 2 फरवरी 2025 के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें अनुराग गुप्ता को नियमित डीजीपी नियुक्त कर दो साल का कार्यकाल (26 जुलाई 2026 तक) दिया गया था।
यह पत्र विदेश दौरे पर गए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए राज्य के अधिकारियों को भेजा गया है। इस फैसले ने झारखंड में सियासी हलचल तेज कर दी है।
क्या है मामला?
अनुराग गुप्ता (1990 बैच, झारखंड कैडर IPS) को 26 जुलाई 2024 को कार्यवाहक DGP बनाया गया था। झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले 19 अक्टूबर 2024 को चुनाव आयोग ने उनके पिछले चुनावी कदाचार के आरोपों का हवाला देकर उन्हें हटा दिया था।
JMM ने 2019 के लोकसभा चुनाव में गुप्ता पर पक्षपात का आरोप लगाया था, जिसके बाद उन्हें दिल्ली में रेजिडेंट कमिश्नर कार्यालय में स्थानांतरित कर दिया गया था।
2016 में राज्यसभा चुनाव के दौरान भी उन पर कदाचार का आरोप लगा था, जिसके लिए IPC की धारा 171 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत जांच की अनुमति दी गई थी।
चुनाव के बाद हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली JMM गठबंधन सरकार ने 28 नवंबर 2024 को गुप्ता को फिर से कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किया।
2 फरवरी 2025 को राज्य सरकार ने “झारखंड DGP चयन एवं नियुक्ति नियमावली 2025” के तहत गुप्ता को नियमित DGP नियुक्त किया, जिसमें उनका कार्यकाल दो साल के लिए निर्धारित किया गया।
इस नियमावली को एक सेवानिवृत्त हाईकोर्ट जज की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिश के आधार पर लागू किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट के 2006 के प्रकाश सिंह मामले के फैसले का उल्लंघन
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 28 अप्रैल 2025 को पत्र भेजकर कहा कि गुप्ता का सेवा विस्तार सुप्रीम कोर्ट के 2006 के प्रकाश सिंह मामले के फैसले का उल्लंघन है, जिसमें डीजीपी की नियुक्ति UPSC की अनुशंसित सूची से करने का निर्देश है।
पत्र में स्पष्ट किया गया कि गुप्ता का नाम UPSC की सूची में नहीं था, और उनकी सेवानिवृत्ति की तारीख 30 अप्रैल 2025 है, जिसके बाद वे DGP नहीं रह सकते।
सरयू राय ने X पर लिखा, “केंद्र ने साफ कर दिया कि अनुराग गुप्ता की सेवा 30 अप्रैल 2025 को खत्म होगी। हेमंत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना की।
” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एक पूर्व हाईकोर्ट जज ने इस “गैरकानूनी नियुक्ति” में भूमिका निभाई, जिससे न्यायपालिका की निष्पक्षता पर सवाल उठते हैं।