Palamu Girls House Case : पलामू (Palamu) बालिका गृह में नाबालिग बच्चियों के यौन शोषण (Sexual Exploitation) मामले में समाज में हलचल पैदा कर दी है।
बालिका गृह का संचालन निजी हाथ में दे दिया जाए और वह कुछ भी करे तथा इसकी जानकारी सरकार को ना हो, यह अत्यंत दुखद है।
अपडेट जानकारी यह मिली है कि बालिका गृह का संचालक 72 साल का राम प्रताप गुप्ता विकास इंटरनेशनल के माध्यम से काम करता था। संस्था की ओर से काउंसलर प्रियंका गुप्ता थी।
एक पुलिस बच्ची ने ऐसा राज खोला है की जिसे सुनकर कोई भी चकित रह जाएगा।
सच्चाई की कहानी, पीड़ित बच्ची की जुबानी
जानकारी के अनुसार, काउंसलर प्रियंका ही रामप्रताप के घर बच्चियों को भेजने के लिए उन्हें मनोवैज्ञानिक रूप से तैयार करती थी।
जांच टीम को छतरपुर की यौन शोषण पीड़ित बच्ची ने बताया कि रामप्रताप के घर में वह उसकी बीमार पत्नी का डायपर (Diaper) बदलने, समेत घरेलू काम करती थी।
इस दौरान राम प्रताप उससे छेड़खानी करता था। दीवाली के दूसरे दिन और छठ की रात राम प्रताप उसके साथ बलात्कार (Rape) किया था।
एक बच्ची की मौत का मामला संदिग्ध
20 सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति की पलामू जिला उपाध्यक्ष बिमला कुमारी ने मेदिनीनगर के बालिका गृह की एक बच्ची की हुई मौत को संदिग्ध बताया।
कहा कि उसे मिरगी का मरीज बताते हुए बीमारी से मौत बताया गया था, परंतु वह अपनी बहन के साथ हुए दुष्कर्म मामले की चश्मदीद गवाह थी।
आरोपियों के खिलाफ की जाएगी सख्त कार्रवाई
बालिका गृह यौन शोषण के मामले को छतरपुर के विधायक राधा कृष्ण किशोर ने अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण एवं अमानवीय बताया।
विधायक ने कहा कि जिला प्रशासन ने घटना में त्वरित कार्रवाई की है। आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया है।
ऐसे मामले में मुख्यमंत्री Hemant Soren की सरकार काफी गंभीर है, जो भी इसमें दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।