Woman makes 81,000 Rupees Disappear from Finance Company: आर्थिक तंगी झेल रही एक महिला एजेंट ने अपने नाबालिग भाई के साथ मिलकर Finance Company के 81 हजार की राशि गायब कर दी।
मामले को लूट बताकर तरहसी थाना में प्राथमिकी (FIR) भी दर्ज करायी, लेकिन पुलिस अनुसंधान में साेमवार काे महिला का षडयंत्र सामने आ गया।
महिला को गिरफ्तार (Arrest) कर सोमवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। भाई के नाबालिग रहने के कारण उसे निरूद्ध किया गया। बाल सुधार गृह भेजा गया। महिला की पहचान पांकी थाना क्षेत्र के चांपी फुलवरिया की चांदनी कुमारी (20वर्ष) पति विक्रम सिंह के रूप में हुई है। उसके भाई की उम्र 16 वर्ष है।
बताया जाता है कि चांदनी कुमारी की शादी वर्ष 2021 में हुई थी। बच्चा होने के बाद चांदनी अपने मायके में रहती थी और उसका पति बैंगलोर मंे मजदूरी करता है। पिता सुरेन्द्र सिंह राजमिस्त्री का काम करते हैं। पिता की कमाई से भरण पोषण नहीं हो पाता था।
साथ ही कर्ज भी बहुत ज्यादा हो गया था। ऐसे में चांदनी एक Finance Company के लिए काम करने लगी। गांव गांव जाकर लोन देती थी और हर 14 दिन पर लोन के पैसे वापस लेने जाती थी। आर्थिक तंगी देखकर चांदनी के मन में ख्याल आया कि जब लोन का पैसा गांव से लाकर रखते हैं तो क्यों ने उस पैसे को किसी तरह से अपने पास रखकर उधार चुकाया जाए।
चांदनी ने अपने छोटे भाई से इस मामले को साझा किया और बताया कि तरहसी थाना क्षेत्र के गोइंदी समेत अन्य सेंटर से पैसा उठाने जा रही हूं। गोइंदी से बहेरा जाने वाली सड़क पर सुनसान जंगल में कलेक्शन का सारा पैसा दे दूंगी और लूट हो जाने की झूठी कहानी गढ दूंगी।
प्लानिंग के तहत चांदनी ने अपने भाई को गोइंदी से बहेरा जाने वाली सड़क पर बुलायी और 81133 रूपए और अपना Mobile Switch Off करके दे दी। बाद मंे अपनी स्कूटी को घटनास्थल पर ही गिरा दी व अपने कपड़े फाड़ कर बैठ कर झूठमूठ के रोने लगी, ताकि लोगों को लगे कि अज्ञात के द्वारा उसके पैसे लूट लिए गए हैं।
इसके बाद राह चलते एक व्यक्ति का फोन लेकर चांदनी ने कंपनी के बॉस के पास फोन कर सारे बात बतायी। सारे लोग गोइंदी पहुंचे और Police को भी सूचना दी गयी। चांदनी का हॉस्पिटल में इलाज किया गया और उसके आवेदन पर लूट की FIR दर्ज की गयी। घर जाने के बाद अपने भाई से सारे पैसे ले ली और बकायेदारों को चुकता कर दिया।
घटना के क्रम में जो मोबाइल को लूटा हुआ दिखाया था, उसे अपने भाई को देकर सतबरवा मामा के घर में भेज दिया। उसके पास दो मोबाइल फोन थे।
घटनाक्रम में जो मोबाइल को लूटा हुआ दिखाया, हालांकि FIR में उक्त मोबाइल कंपनी का नाम देने में गड़बड़ा गयी थी। इसी से उसके षडयंत्र का पता चला और पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया।