रांची: नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने CPI माओवादी कमांडर अघनू गंझू को मोस्ट वांटेड घोषित कर दिया है।
लातेहार (Latehar) जिले के रूप पंचायत जंगल में हथियार बरामदगी मामले में ऐसा किया गया है।
उस पर ₹300000 का इनाम भी रखा गया है। वह मूल रूप से लातेहार जिले के चंदवा थाना (Chandwa Police Station) क्षेत्र के मड़मा गांव का है।
उसके ऊपर झारखंड पुलिस ने भी पांच लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा है। यह मामला साल 2017 का है।
बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए जंगल में 100 से अधिक नक्सली मौजूदथे।
23 अप्रैल 2021 को NIA ने टेकओवर किया था या केस
बता दें कि गृह मंत्रालय के आदेश पर NIA ने 23 अप्रैल 2021 को लातेहार के गारू थाना क्षेत्र स्थित रूप पंचायत के जंगल में माओवादियों की मौजूदगी की जांच को टेकओवर किया था।
लातेहार के गारू थाना में दर्ज केस संख्या 32/2017 और NIA केस संख्या आरसी 14/2017 के अनुसंधान के दौरान मिले तथ्यों के आधार पर NIA की रांची ब्रांच केस संख्या आरसी 03/2021 दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।
30 अगस्त 2017 को रांची पुलिस ने दो नक्सलियों को पकड़ा था
CPI माओवादी की सेंट्रल कमिटी के सदस्य सुधाकरण (सरेंडर कर चुका) के भाई बी नारायण रेड्डी और दोस्त सत्यनारायण रेड्डी को रांची पुलिस ने 30 अगस्त 2017 को 25 लाख रुपये नकद और आधा किलोग्राम सोना के साथ के पकड़ा था।
इस मामले में रांची के चुटिया थाना में केस संख्या 180/2017 दर्ज हुआ था। इसे NIA ने 31 अक्टूबर 2017 को टेकओवर करते हुए केस संख्या आरसी 14/2017 दर्ज किया था।
NIA को प्रभु सामने जीत की बड़ी जानकारी
इस मामले के अनुसंधान के दौरान एनआईए ने गुमला जिले के बिशुनपुर के रहने वाले नक्सली प्रभु साव को गिरफ्तार किया था।
प्रभु साव ने NIA को जानकारी दी थी कि CPI माओवादी की सेंट्रल कमिटी के सदस्य सुधाकरण लातेहार जिले के गारू थाना क्षेत्र स्थित रूप पंचायत के जंगल में 100 से अधिक नक्सलियों के साथ बड़ी घटना को अंजाम देने की योजना बना रहा है।
इसके बाद NIA ने प्रभु साव की निशानदेही पर रुद्रा गांव के जंगल में छापेमारी कर SLR की 13 राउंड गोली और नक्सली साहित्य बरामद किया था।
एक करोड़ का इनामी था सुधाकरण
बता दें कि झारखंड के चर्चित और सबसे बड़े नक्सली CPI माओवादी की सेंट्रल कमिटी का सदस्य व एक करोड़ का इनामी सुधाकर रेड्डी उर्फ सुधाकरण और 25 लाख की इनामी उसकी पत्नी नीलिमा रेड्डी उर्फ माधवी ने 12 फरवरी 2019 को तेलंगाना में सरेंडर कर दिया था।
बताया गया कि तेलंगाना में सरेंडर करने वाले नक्सलियों को जेल नहीं भेजा जाता है और उस पर से सभी चार्ज हटा लिया जाता है।
सुधाकरण पर जहां झारखंड में एक करोड़ का इनाम था, वहीं तेलंगाना में सिर्फ 25 लाख का इनाम घोषित था।