रांची: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA ) ने तृतीय प्रस्तुति कमेटी (TPC) उग्रवादी विकास गंझु के खिलाफ गुरुवार को द्वितीय पूरक आरोप पत्र दायर किया है।
उल्लेखनीय है कि एनआईए ने 23 नवंबर 2017 को पलामू जिला के पांकी थाना में दर्ज कांड संख्या 157/2017 को टेकओवर किया गया था।
यह मामला हथियार और गोला-बारूद के साथ पांच लाख रुपये की नकदी की बरामदगी से संबंधित था।
मामले में चतरा पुलिस ने मई 2020 में कुंदा थाना क्षेत्र से टीपीसी के जोनल कमांडर विकास को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
गिरफ्तार विकास गंझु के खिलाफ सिमरिया, लावालौंग, पत्थलगड्डा और कुन्दा थाना में 11 मामला दर्ज है।
गिरफ्तार जोनल कमांडर विकास गंझू उर्फ अनिवास कुन्दा थाना क्षेत्र के मरगड़ा एकता गांव का रहने वाला है। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी गांव से की थी।
विकास गंझु टीपीसी के एरिया कमांडर निर्भय, बलवंत के साथ चतरा, हजारीबाग और लातेहार जिला के सीमावर्ती क्षेत्र सिमरिया के केंदू, कासियातु, कसारी, करमटांड़, कान्हूखाप, टुटकी, चोपे तिबाब और भैयपुर के आस-पास सक्रिय था।
वह क्षेत्र के ठेकेदारों, कोल व्यवसायियों और ईट भट्ठा के मालिकों से लेवी वसूलने का काम करता था।
एनआईए ने बीते 21 दिसंबर 2020 को टीपीसी के जोनल कमांडर विकास गंझू की अचल संपत्ति की बिक्री पर रोक लगा दी थी। इसे लेकर एनआईए ने जिला प्रशासन को एक पत्र भेजा था।
चतरा जिले के कुंदा थाना क्षेत्र के मरगाड़ा गांव निवासी विकास गंझू को पलामू जिले के पांकी थाना में 2017 में दर्ज उग्रवादी हिंसा के मामले और 2018 में एनआईए की ओर से दर्ज मामले में नामजद अभियुक्त बनाते हुए उसके खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया की जा रही है।
जोनल कमांडर की चल और अचल संपत्ति की पड़ताल करते हुए एनआईए ने उसकी जमीन की खरीद-बिक्री और हस्तांतरण पर रोक लगा दी थी।
मामले में एनआईए ने इससे पूर्व भी आठ लोगों के खिलाफ प्रथम पूरक आरोप पत्र 23 जुलाई 2017 को दायर किया था।