रांची : कोर्ट से एफिडेविट (Affidavit) यानी शपथपत्र बनवाने के लिए अब आपको अधिक पैसे देने पड़ेंगे। नए नियम के कारण ऐसा हो रहा है। बताया जा रहा है कि जिला बार एसोसिएशन (Bar Association) मई से नई व्यवस्था लागू करेगा।
नए नियम के तहत 100 रुपए वाले शपथपत्र की पूरी राशि मई से सीधे RDBA के बैंक खाते (Welfare Fund) में चली जाएगी। अभी 100 रुपए में से सिर्फ 40 रुपए ही RDBA के खाते में जाते हैं। शेष 60 रुपए में से 20 नोटरी को एवं 40 रुपए वकील को मिलते हैं।
नोटरी और वकील अलग से लेंगे पैसे
मई में नई व्यवस्था (New Order) लागू होते ही शपथ पत्र बनवाने के लिए नोटरी और वकील अलग से पैसे लेंगे। वर्तमान में एक शपथपत्र बनवाने में 160 से 200 रुपए तक का खर्च आता है।
यह बढ़कर 300 से 350 रुपए तक या इससे भी अधिक हो जाएगा। यहां प्रत्येक कार्यदिवस (Working Day) में औसतन 1800 शपथपत्र बनाए जाते हैं।
बताया जा रहा है कि नई व्यवस्था से प्राप्त होनेवाली राशि से अधिवक्ता कल्याण कोष में वृद्धि होगी।
डेथ क्लेम, मेडिक्लेम, फैमिली वेलफेयर जैसे स्कीम में पैसा जमा होगा। श अधिवक्ताओं के Passbook में भी सरप्लस रकम जमा होगी। जरूरत पड़ने पर साल में दो बार निकाल सकेंगे।
यहां एफिडेविट के बिना नहीं चलेगा काम
जन्मप्रमाण पत्र (Birth certificate) बनवाने में, राज्य से बाहर कॉलेज में एडमिशन के समय, नाम परिवर्तन, कई संस्था द्वारा मांगा जाता शपथपत्र, स्कूल प्रमाणपत्र खो जाने पर, वाहन या हाउस लोन समेत कई अन्य कामों में शपथपत्र अनिवार्य होता है।
RDBA महासचिव संजय कुमार विद्रोही के अनुसार, नई व्यवस्था से बार एसो. के मेडिक्लेम, डेथक्लेम समेत अन्य फंड में बढ़ोतरी होगी। इसका लाभ आनेवाले समय में अधिवक्ताओं को होगा।
पिछले दिनों हुई बैठक में सर्वसम्मति (Unanimity) से लिये गए निर्णय के बाद व्यवस्था बदली जा रही है। वर्तमान व्यवस्था से वकीलों को कोई लाभ नहीं पहुंच रहा है। साथ ही पूरा सिस्टम इसमें व्यस्त रहता है।