खूंटी: पुलिस मुखबिरी के आरोप में मारंगहादा थाना क्षेत्र में लक्ष्मी नारायण ठाकुर की हत्या कर शव को जला देने का मामला प्रकाश में आया है।
पुलिस ने शनिवार को मारंगहादा थाना क्षेत्र के सिरकापीढ़ी जंगल में पुलिस को एक जला हुआ शव मिला। जानकारी के अनुसार युवक की हत्या पुलिस का मुखबिर होने के शक में की गई है।
लांदुप गांव निवासी लक्ष्मी नारायण ठाकुर गांव के कुछ ग्रामीणों के साथ दस फरवरी को मेला देखने उलिहातू के कंटराडीह गांव गया था, लेकिन वापस नहीं लौटा।
मृतक की पत्नी बिमला देवी ने काफी खोजबीन की, लेकिन कुछ पता नहीं चला। बाद में बिमला देवी ने 11 फरवरी को मारंगहादा थाना पुलिस को मामले की जानकारी दी, पर पुलिस ने इस पर कार्रवाई नहीं की।
बाद में वह 14 फरवरी को फिर थाना पहुंची और गांव के कुछ लोगों पर शक जाहिर करते हुए मामला दर्ज कराया।
शनिवार को मारंगहादा पुलिस ने महिला के दिए आवेदन के आधार पर नामजद अभियुक्तों को हिरासत में लिया।
अभियुक्तों ने पुलिस को बताया कि लक्ष्मी नारायण की हत्या कर शव को जला दिया गया है।
हिरासत में लिए गए गुल्ली मुंडा और खुदिया मुंडा ने पुलिस को बताया कि लक्ष्मी की हत्या अगर नहीं की जाती, तो गांव के कई लोगों को पुलिस जेल भेज देती।
ऐसे की हत्या के आरोपियों ने पुलिस को बताया कि मेला देखकर वे लोग लौटे, तो लांदुप स्थित सिरकापीढ़ी जंगल चले गए। यहां पहले से उनके कई साथी मौजूद थे।
उनके साथ मिलकर लक्ष्मीनारायण की पत्थर से कूचकर हत्या कर दी और जंगल से भाग गए, लेकिन वे लोग दोबारा जंगल आए और शव को जला दिया।
पुलिस ने घटनास्थल से चप्पल और मृतक का एक पैर बरामद किया है, जबकि शव जली अवस्था में मिला है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
सूत्रों ने बताया कि आरोपियों को शक था कि अवैध अफीम की खेती की सूचना पुलिस को लक्ष्मी नारायण ही देता था।
फिलहाल हिरासत में लिए गए आरोपियों से पूछताछ जारी है और हत्या में शामिल अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है।
पुलिस ने कहा कि घटना में शामिल अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद ही मामला से पर्दा उठ सकता है।