दुमका : कोरोना से खुद को बचाने के लिए रिश्ते तार-तार हो रहे हैं।
माता-पिता की सेवा करने वाले अंतिम समय में सारे संबंध तक तोड़ ले रहे हैं।
इस कारण शवों का अस्पताल प्रबंधन नगर परिषद के सहयोग से अंतिम संस्कार कराने को मजबूर है।
सोमवार को शहर के रसिकपुर की 75 वर्षीय चना देवी की मौत हो गई।
मौत की सूचना स्वजनों को दी गई, लेकिन परिवार का कोई भी सदस्य शव लेने नहीं पहुंचा। शाम तक शव स्वजनों के इंतजार में रखा रहा।
चना देवी को तबीयत बिगड़ने पर 30 अप्रैल को परिवार के लोगों ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया था।
अस्पातल वार्ड में दूसरे संक्रमित का इलाज होते देख स्वजन धीरे-धीरे वहां से खिसक लिए।
एक मई को परिवार का एक सदस्य पहुंचा था और उन्हें दूर से ही देखकर चला गया।
तीन मई की अहले सुबह महिला की मौत हो गई। अस्पताल प्रबंधक ने सफाईकर्मी के माध्यम से घरवालों को मौत की खबर दी, लेकिन स्वजनों ने शव लेने से मना कर दिया।
अधीक्षक डॉ. रवींद्र कुमार का कहना था कि महिला की कोरोना से मौत नहीं हुई है। वह बीमार चल रही थीं।