रांची: Education Department (शिक्षा विभा) के माध्यमिक शिक्षा निदेशक सुनील कुमार ने सभी क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशकों व जिला शिक्षा पदाधिकारियों से जांच करने के बाद रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
यह आदेश झारखंड में मैट्रिक व इंटर में ऑनलाइन पंजीयन फॉर्म व ऑनलाइन परीक्षा फॉर्म के नाम लिये जा रहे सौ-सौ रुपये के मामले (Jharkhand Online Registration Form Case) में दिया गया है।
फिलहाल इस मामले में शिक्षा विभाग ने जांच करने के आदेश दे दिए हैं। अब देखना होगा कि इस जांच में कौन-कौन लोग शामिल हैं।
मुख्यमंत्री को लिखा था पत्र
इस खबर के प्रकाशित होने के बाद विभाग में एक बार हड़कंप मच गया था। फिलहाल उन लोगों में हड़कंप मचा हुआ है जो लोग इसमें शामिल हैं।
खबर के सामने आने के बाद इस पर कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर ऑनलाइन परीक्षा फॉर्म शुल्क (Online Exam Form Fee) की वसूली पर रोक लगाने की अपील की थी।
इस पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का ने शिक्षा विभाग (Education Department) को पत्र लिख कर मामले की जांच कराने का निर्देश दिया। उन्होंने इसे गंभीर बताया और दोषियों पर कार्रवाई कर उसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री सचिवालय भेजने को कहा है।
15 दिन में मांगी है जांच रिपोर्ट
माध्यमिक शिक्षा निदेशक सुनील कुमार ने सभी जिलों से स्कूलवार शुल्क वसूली की रिपोर्ट (School Wise Fee Recovery Report) सहित मंतव्य 15 दिन में उपलब्ध कराने को कहा है। साथ ही, किसी भी प्रकार की अवैध वसूली पर तत्काल रोक लगायी जाए।
इसके अलावा सभी हाई स्कूल और प्लस टू स्कूल इस प्रकार की अवैध वसूली की जानकारी के साथ-साथ ऐसे कार्यों में संलिप्त लोगों पर विधिवत कार्रवाई के साथ रिपोर्ट उपलब्ध कराएं।
इनसे भी मांगी है सभी तरह के शुल्क की जानकारी
माध्यमिक शिक्षा निदेशक (Director Of Secondary Education) ने जैक सचिव से भी मैट्रिक व इंटर के लिए ऑनलाइन पंजीयन व परीक्षा फॉर्म समेत सभी प्रकार के शुल्क की जानकारी मांगी है।
जब ऑफलाइन आवेदन छात्र नहीं करते हैं तो ऑनलाइन आवेदन शुल्क क्यों लिये जा रहे हैं, इस पर पक्ष रखने को कहा गया है।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने मामले की निंदा की
माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने सभी आरजेडीई और डीईओ को निर्देश दिया है कि मैट्रिक और इंटरमीडिएट (Matric and Intermediate) के छात्रों से ऑनलाइन पंजीयन के बाद परीक्षा फॉर्म के नाम पर सौ-सौ रुपये अतिरिक्त शुल्क वसूली का मामला सामने आया है।
छात्रों द्वारा पंजीयन कराने के बाद उनसे परीक्षा फॉर्म (Exam Form) के लिए फीस लिया जाना अत्यंत निंदनीय कार्य है। इसे प्रश्रय नहीं दिया जा सकता है।