Case registered against Himanta Biswa Sarma: झारखंड के पलामू जिले के हुसैनाबाद के पूर्व विधायक कुशवाहा शिवपूजन मेहता (Kushwaha Shivpujan Mehta) ने असम के मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के झारखंड राज्य चुनाव सह प्रभारी हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) पर विवादित भाषण देने एवं धार्मिक उन्माद फैलाने का प्रयास करने का आरोप लगाते हुए मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, डालटनगंज की अदालत में शुक्रवार को एक मामला दर्ज कराया है, जिसका परिवाद पत्र संख्या-3359/2024 है।
परिवाद पत्र में कहा गया है कि झारखंड के हुसैनाबाद विधानसभा क्षेत्र में 23 अक्टूबर को असम के मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के झारखंड चुनाव प्रभारी हिमंत बिस्वा सरमा ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कुछ विवादास्पद बयान दिए। उनके भाषण में हुसैनाबाद शहर का नाम बदलने की बात कही गई।
सरमा ने कहा…
आरोप के मुताबिक, सरमा ने कहा कि ‘ये हुसैन कौन है, जिसके नाम पर हुसैनाबाद है? इसका नाम बदल देंगे। ये हुसैन कहां से आया? मैं इसका नाम रामकृष्णा के नाम पर करूंगा।’
पूर्व विधायक और वर्तमान हुसैनाबाद विधानसभा के उम्मीदवार कुशवाहा शिवपूजन मेहता ने इसे लेकर कड़ा ऐतराज जताया है।
उनका कहना है कि हुसैनाबाद क्षेत्र में सभी समुदायों के बीच सदियों से आपसी सौहार्द और सौम्यता का संबंध रहा है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के इस बयान का उद्देश्य दो समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाना और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना था।
मेहता ने आरोप लगाया है कि सरमा ने जानबूझकर सांप्रदायिक उन्माद पैदा करने का प्रयास किया, जिससे समाज में विद्वेष और असंतोष की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
इसके आधार पर उन्होंने डालटनगंज के मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी की अदालत में उनके खिलाफ परिवाद दायर किया है।
मेहता ने मांग की है कि हिमंता पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और सामाजिक सौहार्द्र को बिगाड़ने के प्रयास का आरोप लगाकर सुसंगत धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई की जाए। कुशवाहा शिवपुजन मेहता (Kushwaha Shivpujan Mehta) ने राज अली और अक्षय मेहता को गवाह के रूप में नामित किया है और आवश्यक होने पर अन्य गवाह भी पेश किए जाएंगे।