Maa Durga idol Dispute: पलामू प्रमंडल अंतर्गत गढ़वा जिले भंडरिया प्रखंड के मदगड़ी में मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन को लेकर रास्ते का विवाद (Maa Durga idol Dispute) 30 घंटे बाद समाप्त हुआ।
पुलिस की ओर से लाठीचार्ज के बाद उग्र भीड़ की ओर से पथराव की घटना में ASP Rahul Dev बड़ाइक के चोटिल होने और आंसू गैस छोड़ने के साथ ही हवाई फायरिंग (Aerial firing) की घटना के बाद रविवार की देर शाम तक माहौल तनावपूर्ण बना रहा।
इसी बीच देर शाम करीब आठ बजे गढ़वा उपायुक्त शेखर जमुआर, SP दीपक कुमार पांडेय, रंका SDM रुद्र प्रताप, डालटनगंज विधायक आलोक कुमार चौरसिया, मेदिनीनगर के प्रथम उपमहापौर राकेश कुमार सिंह उर्फ मंगल सिंह सहित अन्य वरीय पदाधिकारी मदगड़ी गांव के पूजा पंडाल पहुंचे, जहां पूजा समिति व विशेष समुदाय के प्रतिनिधियों के बीच वार्ता हुई।
इस दौरान दोनों पक्षों की ओर विवादित सड़क से प्रतिमा का विसर्जन किये जाने की सहमति बनी। सहमति के बाद DC, SP व पुलिसकर्मियों के साथ विवादित रास्ते पर मां दुर्गा की प्रतिमा का नगर भ्रमण कराया गया। जहां रात 1 बजे कनहर नदी में माता रानी की प्रतिमा को विसर्जित किया गया।
आपको बताते चले कि शनिवार दोपहर करीब 3 बजे विवादित रास्ते पर प्रतिमा विसर्जन को लेकर ग्रामीणों व पुलिस में झड़प हो गई है, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज के अलावे आशु गैस के गोले दागे थे। वही ग्रामीणो के द्वारा फायरिंग किये जाने की बात कही गयी।
ASP राहुल देव बड़ाइक, रंका DSP Rohit Ranjan व कई महिला पुरुष चोटिल हुए थे। घटना में 25 साल के उदित गुप्ता घायल हो गए। वहीं 40 साल के संजय गुप्ता के दोनों पैर प्रशासन के डंडे से टूट गए।
दोनों घायलों का इलाज छत्तीसगढ़ के रामानुजगंज (Ramanujganj) के अस्पताल में चल रहा है। घटना में कई और लोग भी घायल बताए जा रहे हैं।
आपको बता दें विवादित रास्ते पर प्रतिमा विसर्जन को लेकर पूरे दशहरा भर माहौल तनावपूर्ण रहा। थाना में चार बार दोनों समुदाय की ओर से इसका समाधान नहीं होने पर प्रशासन ने विवादित सड़क पर निषेधाज्ञा लगा दी थी।
विवाद की क्या है वजह
दरअसल, भंडरिया थाना क्षेत्र के मदगड़ी गांव में पिछले कुछ सालों से दुर्गा पूजा प्रतिमा विसर्जन (Durga Puja idol immersion) को लेकर रास्ते का विवाद चल रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि वे जिस तालाब में प्रतिमा का विसर्जन करना चाहते हैं। उस तक जाने वाला रास्ता बृजेश्वर साहू के घर से होकर जाता है। हालांकि, इस मार्ग में तीन मकान दूसरे समुदाय के लोगों के हैं, जो प्रतिमा विसर्जन के लिए रास्ता देने से इनकार करते हैं।
इस विवाद को सुलझाने के लिए इस साल शांति समिति की बैठक में एक समझौता हुआ था, लेकिन कुछ दिन बाद एक पक्ष ने इस समझौते को मानने से इनकार कर दिया, जिसके कारण दुर्गा पूजा के दौरान ही तनावपूर्ण माहौल बन गया।
रविवार कओ जब प्रतिमा विसर्जन की बात सामने आई, तो ग्रामीण विवादित स्थल से ही प्रतिमा विसर्जन की मांग करने लगे, लेकिन प्रशासन ने इस रूट से विसर्जन की अनुमति नहीं दी। इससे नाराज ग्रामीणों ने प्रतिमा विसर्जन से इनकार कर दिया। इसी दौरान अनुमंडल पदाधिकारी जब दोपहर 3.45 बजे पूजा पंडाल पहुंचे, तो ग्रामीणों ने उनके खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी थी।