सरायकेला: झारखंड पुलिस को नक्सलियों के खिलाफ जारी अभियान में शुक्रवार को बड़ी कामयाबी मिली है।
पुलिस ने एक करोड़ के इनामी नक्सली कमांडर प्रशांत बोस ऊर्फ किशन दा और उसकी पत्नी शीला मरांडी को सरायकेला से गिरफ्तार किया है। प्रशांत बोस माओवादियों के पोलित ब्यूरो का सदस्य है।
बता दें कि प्रशांत बोस उर्फ किशन दा भाकपा माओवादियों के टॉप लीडर में से एक हैं। झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, आंध्रप्रदेश एवं महाराष्ट्र में कई नक्सली वारदातों को अंजाम दे चुके हैं।
ऐसे में नक्सलियों के खिलाफ झारखंड पुलिस की ये अबतक की सबसे बड़ी सफलता है। हालांकि झारखंड पुलिस के आलाधिकारी फिलहाल इस मसले पर चुप्पी साध ली है।
बताया जा रहा है कि वह इलाज के लिए पत्नी के साथ सरायकेला आया था, जिसकी सूचना इंटेलीजेंस ब्यूरो तक पहुंची थी। प्रशांत बोस उर्फ किशन दा अपनी पत्नी के साथ गुरुवार रात एक घर में ठहरे हुए थे।
इसकी जानकारी पुलिस को लग गयी। गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने चांडिल व कांड्रा के बीच एक घर से दोनों को गिरफ्तार किया।
प्रशांत बोस काफी बुजुर्ग हो चुके हैं। ढाई साल पहले 80 साल के प्रशांत बोस को पैरालेसिस का अटैक हुआ था।
वे चलने-फिरने में बिल्कुल असमर्थ हैं, जिसके कारण पश्चिम सिंहभूम एवं ओडिशा में फैले सारंडा जंगल के ‘आजाद क्षेत्र’ में उन्हें लाया गया था, ताकि सुरक्षित रखा जा सके।
जानकारी के अनुसार, पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रशांत बोस से सुरक्षित ठिकाने पर पूछताछ कर रही हैं।
प्रशांत बोस झारखंड-बिहार में माओवादियों का सुप्रीम कमांडर है। बताया जा रहा है कि वह इलाज के लिए पत्नी के साथ सरायकेला आया था, जिसकी सूचना इंटेलीजेंस ब्यूरो तक पहुंची थी। उसके बाद सरायकेला पुलिस ने उसे धर दबोचा। हालांकि, अभी तक अधिकारिक तौर पर गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं हुई है।