रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस पॉलिटिकल अफेयर्स कमिटी (Jharkhand Pradesh Congress Political Affairs Committee) की बैठक बुधवार शाम को कांग्रेस भवन में प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर (Rajesh Thakur) की अध्यक्षता में हुई।
बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के महासचिव एवं झारखंड प्रभारी अविनाश पाण्डे (Avinash Pandey) शामिल हुए।
मौके पर प्रभारी अविनाश पाण्डे ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद राहुल गांधी की सदस्यता बहाल कर दी गयी है, जो हमारे लिए हर्ष का विषय है।
आखिरकर सत्य की जीत हुई
आखिरकर सत्य की जीत हुई है। एक बार फिर से राहुल देश के युवाओं, महिलाओं, किसानों एवं आम जनता की समस्याओं को लोकसभा में अपना बात रखने लगे।
राहुल गांधी ने जिस तरह से संसद में प्रधानमंत्री के उपर अडानी के रिश्ते को लेकर सवाल खड़ा किया एवं मंहगाई, बेरोजगारी के उपर बात को रखा, तो भाजपा के नेता तिलमिला गये और उनकी सदस्यता समाप्त करने के लिए षडयंत्र रच डाला, लेकिन इसमें भाजपा कामयाब नहीं हो सकी, आखिर सत्य की जीत हुई।
उन्होंने कहा कि संगठन की पूर्णता सबसे महत्वपूर्ण है। प्रदेश में संगठन की अधिकतम इकाईयों का गठन हो चुका है और मंडल एवं पंचायत स्तर की कमिटियां लगभग हो चुकी है और जो कुछ बची है वो पन्द्रह दिन के अन्दर गठित हो जायेगी।
पंचायत कमिटी के माध्यम से जनता के बीच जायेगी
साथ ही साथ बूथ स्तर पर विशेष कार्यक्रम के माध्यम से बूथ स्तर पर कांग्रेसजनों की टीम तैयार की जायेगी, जो आनेवाले चुनाव के कार्यक्रम को लेकर एवं सरकार की उपलब्धियों, कांग्रेस की विचारधारा, भारत जोड़ो के संदेश जो प्रेम और मोहब्बत से समाज को जोड़ने का संदेश है, उसे आम जनता के बीच पहुंचाने का कार्य करेगी।
विभिन्न कार्यक्रमों को लेकर हमारी कोर कमिटी मंडल एवं पंचायत कमिटी के माध्यम से जनता के बीच जायेगी।
साथ ही राज्य स्तर पर प्रशिक्षण शिविर का आयोजन (Organize Training Camp) किया जायेगा और इसके लिए चयनित कांग्रेस नेताओं को प्रशिक्षण दिया जायेगा, जो हरेक क्षेत्र में जाकर जिला, मंडल एवं पंचायत स्तर पर इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को आगे बढ़ायेंगे। उन्होंने कहा कि आनेवाले दिनों में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी की झारखण्ड में पब्लिक मीटिंग का प्रस्ताव रखा गया है, इस प्रस्ताव को उनके सामने रखा जायेगा ताकि जितना जल्दी हो सके चुनावी रैलियां और संगठन के कार्यकर्ताओं से उनकी भेंट के लिए सहमति लिया जा सके।