रांची: केंद्रीय कोयला मंत्रालय ने देश में पावर प्लांटों के बीच कोयला संकट का समय पर निदान किये जाने का भरोसा दिया है। गुरुवार को कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी झारखंड दौरे पर आये।
रांची आने के बाद हेलिकॉप्टर से सबसे पहले वे चतरा स्थित अशोका माइंस के विजिट के लिये निकल गये। उनके साथ सीसीएल तथा कोल इंडिया के अधिकारी भी थे।
चतरा पहुंचने पर विधायक किशुन दास ने उनका स्वागत किया। मगध, संघमित्रा, आम्रपाली, चंद्रगुप्त क्षेत्र की मुख्य समस्याओं के समाधान के संबंध में मांग पत्र भी सौंपा।
अशोका माइंस और बचरा रेलवे साइडिंग विजिट के बाद मीडिया से बातचीत के क्रम में कहा कि देश में बिजली संकट पर केंद्र की लगातार नजर है। इससे संबंधित किसी भी आशंका के समाधान के लिये सरकार तत्पर है।
सभी पावर प्लांट में समय सीमा के अंदर पर्याप्त मात्रा में कोयला पहुंच जाएगी। कोयले की कमी संबंधी किसी तरह का कोई संकट नहीं है।
प्रह्लाद जोशी ने कहा कि इंपोर्ट पिछले कुछ समय से बंद था। साथ ही ज्यादा बारिश होने के कारण कोयला निकालने के काम पर असर पड़ा था। 15 अक्टूबर से 2 मिलियन कोयला बाहर निकलेगा।
इससे पावर थर्मल पावर की जरुरतों को मिलकर पूरा किया जा सकेगा। पूरा प्रयास हो रहा है कि अधिक से अधिक कोयला का उठाव हो।
कोयला अधिकारियों के साथ सहयोग करके पूरे देश के सभी पावर प्लांटों का समय पर भरपूर कोयला दिये जाने की कोशिश जारी है। कोयला संकट को लेकर कोई पैनिक स्थिति नहीं है।
हालांकि केंद्रीय मंत्री ने इस बात को स्वीकार किया कि इम्पोर्ट में कमी और कोयला खदानों में पानी भर जाने की वजह से क्राइसिस उत्पन्न हुआ।
वैसे इस संकट को दूर किये जाने का भरोसा भी दिलाया। झारखंड से देशभर का 40 प्रतिशत कोयले का उत्पादन होता है।
ऐसे में देश भर के पावर प्लांटों में कोयले की कमी की खबरों के बीच इसके निदान के लिये केंद्रीय मंत्री के इस दौरे को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।