रामगढ़: विश्व आदिवासी दिवस पर रामगढ़ जिले के समाहरणालय स्थित भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।
रामगढ़ विधायक ममता देवी ने कहा कि आदिवासी जल, जंगल और जमीन से जुड़े हैं।
झारखंड आदिवासी बहुल प्रदेश है। यहां के मूल निवासी आदिवासी ही हैं। इनका संरक्षण बेहद जरूरी है।
आदिवासियों को उनका हक और सम्मान दिलाने, उनकी समस्याओं का निराकरण करने, भाषा, संस्कृति और इतिहास के संरक्षण के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ ने 9 अगस्त 1994 को विश्व आदिवासी दिवस मनाने का निर्णय लिया। झारखण्ड की जनजातीय कला एवं संस्कृति अनमोल है।
आदिवासी दो शब्दों-आदि और वासी से मिलकर बना है और इसका मूल अर्थ मूल निवासी होता है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में बीते ढाई सालों में समाज के सभी वर्गों के साथ आदिवासी समाज भी तेजी से आगे बढ़ रहा है।
आदिवासी समाज क्षेत्र शिक्षा, ज्ञान-विज्ञान, कला-संस्कृति सहित सभी क्षेत्रों में तेजी से तरक्की कर रहा है। देश-प्रदेश के विकास में आदिवासी समाज की महत्वपूर्ण भागीदारी रही है।
मौके पर दिनेश मुंडा, अनिल मुंडा, पंकज तिवारी, वार्ड पार्षद जयंती देवी, भरत महतो, बिजेंद्र महतो, प्रकाश करमाली सहित कई लोग उपस्थित थे।