रामगढ़: रामगढ़ जिले में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के आंकड़े को पार कर चुका है। अचानक बड़ी गर्मी की वजह से छात्र-छात्राओं और आम जनजीवन पर भारी असर पड़ा है।
रामगढ़ जिले के मांडू प्रखंड स्थित कस्तूरबा विद्यालय में 100 से अधिक छात्राएं एक साथ लू की वजह से बीमार पड़ गई हैं।
इस सूचना के बाद जिले से लेकर प्रखंड स्तर तक के अधिकारियों में अफरा-तफरी मच गई है।
मांडू प्रखंड मुख्यालय स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की करीब 100 छात्राएं अचानक एक साथ बीमार हो गई।
बीमार सभी छात्राओं में सिर दर्द, बुखार एवं ठंड के साथ उल्टी के लक्षण शामिल थे। शुक्रवार देर शाम तक इनमें से बहुतों की स्थिति गंभीर होने लगी।
अचानक उत्पन्न गंभीर संकट से विद्यालय प्रबंधन भी हतप्रभ था। आनन-फानन विद्यालय प्रबंधन ने मांडू सीएचसी के प्रभारी डॉ अशोक राम को स्थिति की सूचना दी।
डॉ अशोक राम एवं उनकी टीम ने शामिल अन्य डॉक्टरों ने विद्यालय पहुंचकर भी बीमार छात्राओं की जांच किए।
जांच के दौरान दो छात्रा क्लास 10 की छात्रा सुषमा कुमारी एवं वर्ग सात की श्वेता कुमारी की स्थिति गंभीर देखते हुए उन्हें बेहतर इलाज के लिए रामगढ़ भेजा गया। वहीं करीब 30 से 35 छात्राओं को दवा देकर उन्हे उनके घर वापस भेजा गया।
बीमार छात्राओं की चिकित्सकीय जांच करने वाले चिकित्सकों ने बताया कि अचानक बढ़े तापमान एवं छात्रावास में उत्पन्न उमस के कारण इतनी संख्या में छात्राएं एक साथ बीमार हुई है। इन्हें मौसमी बुखार है।
विद्यालय के संचालन समय में हो सकता है फेरबदल: डीसी
कस्तूरबा विद्यालय में छात्राओं के अचानक बीमार पड़ने की वजह से अधिकारी भी सकते में हैं। डीसी माधवी मिश्रा ने बताया कि शिक्षा विभाग के अधिकारी विद्यालय के संचालन समय में मौसम को देखते हुए फेरबदल कर सकते हैं। राज्य सरकार द्वारा दिया गया गाइडलाइन के बावजूद बच्चों का स्वास्थ्य सबसे अहम है।
डीसी ने कहा कि जांच के दौरान पाया गया है कि शरीर में पानी की कमी और हीट वेव (लू) के कारण छात्राओं की तबीयत बिगड़ी है। सभी का तत्काल इलाज कराया जा रहा है।
कस्तूरबा आवासीय स्कूल है वहां बच्चियां रहकर पढ़ाई करती है इसलिए आने-जाने से उन्हें समस्या नहीं हुई है। दूसरे स्कूलों से बच्चों के लू के कारण बेहोश होने की सूचना भी मिल रही है।
इसके लिए जिला के शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे यदि गर्मी की अधिकता के कारण बच्चों को यदि परेशानी हो रही है तो स्कूल की अवधि वे सुबह 6.30 बजे से 11 बजे तक कर सकते हैं।
स्कूल एक बजे तक ही चलाना है इस मौसम में ऐसी कोई बाध्यता नहीं है। कस्तूरबा में क्षमता से अधिक छात्राओं के संबंध में उन्होंने कहा कि वर्तमान में भवन की कमी के कारण ऐसा हुआ है।
स्कूल में स्थानीय बच्चियों को ही रखना है इसलिए उन्हें दूसरे कस्तूरबा में शिफ्ट नहीं किया जा रहा है। जल्द ही भवन की कमी की समस्या को दूर करने के दिशा में ठोस कदम उठाया जाएगा।
क्षमता से दुगनी छात्राएं रह रही है छात्रावास में
तीन सौ छात्राओं की क्षमता वाले छात्रावास में वर्तमान में तकरीबन 691 छात्राएं रह रही है। ऐसी स्थिति में छात्रावास के प्रत्येक कमरे में छात्राओं की मौजूदगी बेहद दयनीय स्थिति में है।
6/6 के एक बेड पर चार-चार छात्राएं रहने को मजबूर हैं। ऐसे में कमरे में साफ हवा एवं स्वच्छ वातावरण की कल्पना व्यर्थ ही है।
ऊपर से अचानक बढ़ रहे तापमान एवं भीषण गर्मी ने भी अपना प्रभाव दिखाया है। जिसके कारण उमस एवं गर्मी की वजह से अचानक इतनी छात्राये एक साथ बीमार हुई है।
छात्राओं के बीमार होने की सूचना पर डीडीसी पहुंचे स्कूल
कस्तूरबा की बच्चियां बीमार होने की सूचना मिलते ही डीडीसी नागेंद्र सिन्हा स्कूल पहुंचे। इस दौरान डीडीसी ने स्कूल की वार्डेन से घटनाक्रम की जानकारी ली। उन्होंने स्कूल में पानी की किल्लत महसूस की।
इस पर सीओ सह बीडीओ ने छात्राओं की सुविधा के लिए स्कूल प्रबंधन को प्रत्येक दिन एक टैंकर पानी मुहैया कराने का आश्वासन दिया।
कहा कि स्कूली छात्राओं के बीच पानी की कमी नहीं होने दी जाएगी। मौके पर जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डाॅ महालक्ष्मी, एडीपीओ मोनीदीपा बनर्जी, एपीओ कृष्णा सिंह, प्रभारी चिकित्सक डाॅ अशोक राम, डाॅ नितेश कुमार, वार्डेन अल्पना कुमारी आदि मौजूद थी।
मौसम परिवर्तन होने से छात्राएं बीमार: डीडीसी
मौसम के परिवर्तन होने से स्कूल की बच्च्यिां बीमार हुई है। उक्त बात की जानकारी डीडीसी नागेंद्र सिन्हा ने दी। उन्होंने बताया कि घबराने की कोई बात नहीं है।
इसके बावजूद मैंने सीएचसी मांडू के प्रभारी चिकित्सक को निर्देश दिया है कि आप प्रत्येक दो दिनों में स्कूल का दौरा कर छात्राओं का स्वास्थ्य जांच करें।
इसके अलावा उन्होंने स्कूल में पानी की कमी को दूर करने के लिए बीडीओ को निर्देश जारी किया है। उन्होंने बताया कि स्कूल की अन्य समस्याओं को क्रमबद्ध किया गया है। जल्द ही स्कूल के सभी समस्याओं का समाधान कर लिया जाएगा।
क्या कहती है स्कूल के वार्डन
मामले को लेकर पूछे जाने पर छात्रावास वार्डन अल्पना कुमारी ने कहा कि बड़े तापमान एवं लू के प्रभाव से छात्राएं बीमार पड़ी है।
हम लोग पूरी तरह से इनकी देखभाल में जुटे हैं। बहुत जल्द हमारी बच्चियां स्वस्थ होकर छात्रावास लौट आएगी।