रांची: रांची के मोरहाबादी मैदान में झारखंड जनजातीय महोत्सव (Jharkhand Tribal Festival) का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री Hemant Soren ने कहा कि आदिवासी परिवार में किसी की भी शादी के अवसर पर एवं मौत होने पर उन्हें 100 किलोग्राम चावल तथा 10 किलो दाल दिया जाएगा।
इससे सामूहिक भोज (Mass feast) के लिए अब उन्हें कर्ज नहीं लेना पडेगा। साथ ही मेरी अपील होगी कि सामूहिक भोज करने के लिए कर्ज लेने से बचें।
कर्ज लेना भी हो तो बैंक से लें। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाजनों से मंहगे ब्याज पर लिया गया कर्ज अब आपको वापस नहीं करना है। इसकी शिकायत मिलने पर महाजन पर कार्रवाई होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने ‘ट्राइबल यूनिवर्सिटी (‘Tribal University) के निर्माण कार्य को आगे बढ़ाया है। इसके माध्यम से मुख्य रूप से आदिवासी भाषा संस्कृति, लोक कल्याण शोध से सम्बंधित विषय को बढ़ावा दिया जाएगा।
उम्मीद है कि इससे आदिवासी समाज एवं झारखंड से जुड़े प्राचीन ज्ञान को संरक्षित रखने के साथ-साथ इनकी विशिष्ट समस्याओं के समाधान को भी बल मिलेगा।
देश में जनजातीय समाज की अलग पहचान है
झामुमो अध्यक्ष, राज्य समन्वय समिति-सह-सांसद राज्यसभा दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य गठन के बाद पहली बार भव्य रुप से झारखंड जनजातीय महोत्सव-2022 मनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सामाजिक शक्तियां समाज के अंदर समाज के प्रति सदैव सकारात्मक सोच के साथ विकास के लिए काम करें।
उन्होंने कहा कि आज खुशी की बात है कि हम लोग अपनी भाषा-संस्कृति को आगे बढ़ा रहे हैं।
देश में जनजातीय समाज (Tribal society) की अलग पहचान है। अपनी पहचान और विरासत को संरक्षित करना हम सभी का नैतिक कर्तव्य है।