रांची: कृषि विकास को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सोच को अमलीजामा पहनाने के लिये राज्य के बैंक किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने में अपनी महती भूमिका निभायें।
कई बैंक ऐसे हैं जो किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के तहत मिलने वाले एक लाख रूपये के लोन के लिये किसानों से जमीन की एलपीसी एवं अन्य दस्तावेजों की मांग कर रहे हैं, जबकि किसानों को एक लाख रूपये तक के लोन के लिये सेल्फ डिक्लेयरशन के सत्यापन के बाद दिये जाने का प्रावधान है।
इसके अलावा किसानों के सत्यापन का कार्य मुखिया, मानकी मुंडा, जनसेवक आदि के स्तर पर किया जा सकेगा।
ये बातें राज्य के कृषि मंत्री बादल ने शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिला के उपायुक्तों के साथ हुई बैठक में कही।
बादल ने राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति के पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि मुख्यमंत्री के दिशा – निर्देश में राज्य के कृषकों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने के लिए सरकार द्वारा जारी की गयी गाईडलाइन के अनुरूप ही लोन देें।
अपने स्तर पर सभी बैंकों में लंबित केसीसी का रिव्यू करें और बैंकों को निर्देशित करें कि किसानों के हितों का खयाल रखते हुए सभी को केसीसी कार्ड उपलब्ध कराया जाये।
बादल ने निर्देश दिया कि राज्य के सभी किसानों को केसीसी कार्ड से आच्छादित करें ।
कृषि मंत्री ने उपायुक्तों को निर्देश देते हुए कहा कि जो बैंक एलपीसी का बहाना बनाकर किसानों के आवेदनों को रिजेक्ट कर रहे हैं।
उनकी सूची तैयार करें और जिला एवं प्रखंड स्तर के बैंकर्स समिति के साथ बैठक कर योग्य किसानों को उनका अधिकार दिलाया जाय।
साथ ही निर्देश दिया कि आगामी 15 दिनों में सभी वंचित किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के लिये पंचायत स्तर पर कैंप लगाकर आवेदन प्राप्त किये जायें तथा उनका आधार से लिंक सुनिश्चित किया जाय।
ऐसे में अगर किसी किसान का आवेदन रिजेक्ट होता है तो रिजेक्ट की वजह स्पष्ट होनी चाहिये।
किसानों से आवेदन प्राप्त करने के लिये कृषि मित्र, एटीएम और बीटीएम सहित जनसेवक के माध्यम से पंचायत स्तर पर तैनात किया जाये। साथ ही प्रखंड स्तर के पदाधिकारी को नोडल अफसर प्रतिनियुक्त किया जाये।
उन्होंने निर्देश दिया कि केसीसी की माॅनिटरिंग के लिये जिला एवं राज्य स्तर पर कंट्रोल रूम बनाया जाये।
कृषि सचिव अबू बक्कर सिद्दिकी ने उपायुक्तों को निर्देश दिया कि सभी किसानों का डाटा तैयार करें।
साथ ही कहीं अगर आधार को लेकर समस्या आ रही है, तो उसके लिये यूआईडी के पदाधिकारी से संपर्क स्थापित किया जाये।