रांची: झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने बुधवार को पारा शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की।
इसके पूर्व उन्होंने विभाग के वरीय अधिकारियों के साथ भी बैठक की। बैठक में पारा शिक्षकों को नियमित करने के फार्मूले पर लगभग सहमति बन गई।
मौके पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि पारा शिक्षकों की सेवा को नियमित करने पर एक हफ्ते के अंदर नियमावली तैयार की जाएगी।
पारा शिक्षकों के संघ को भी नियमावली का प्रारूप दिया जाएगा। अगर उसके किसी बिंदु पर असहमति हुई तो राज्य सरकार उसमें जरूर सुधार करेगी।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार शिक्षक पात्रता परीक्षा नहीं लेने का निर्णय लिया गया है।
बिहार की तर्ज पर झारखंड में भी पारा शिक्षकों के स्थायीकरण और वेतनमान के लिए सीमित आकलन परीक्षा ली जाएगी।
झारखंड में लगभग 65 हजार पारा शिक्षक कार्यरत हैं। इनमें से 13000 शिक्षक पात्रता परीक्षा में सफल हैं। परीक्षा में सफल पारा शिक्षकों को अलग से परीक्षा नहीं देनी होगी।
पात्रता परीक्षा सफल पारा शिक्षकों को सीधे वेतनमान दिया जाएगा। इसके अलावा बैठक में कई अन्य बिंदुओं पर भी चर्चा हुई है।
वहीं दूसरी ओर बैठक में तय हुए फार्मूले पर पारा शिक्षकों के एक गुट ने असंतोष जताते हुए मंत्री के आवास के बाहर ही विरोध शुरू कर दिया।
विरोध कर रहे पारा शिक्षकों का कहना है कि वे बिहार की नियमावली को हूबहू मानते हैं जबकि सरकार इसमें टालमटोल कर रही है।
इन शिक्षकों ने पारा शिक्षकों के दोनों संघों पर सरकार की ओर झुकाव रखने का आरोप लगाया है।
उल्लेखनीय है कि पारा शिक्षकों के संघ के दो गुट हैं। इनमें एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा में पांच नेता हैं जबकि एक अन्य गुट में तीन नेता है।
आठ नेताओं पर ही पारा शिक्षकों का बड़ा वर्ग काम नहीं होने देने का आरोप लगा रहा है।