रांची: झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि कोविड महामारी की शुरुआत से पहले पिछले 2020 साल जनवरी, फ़रवरी और मार्च के महीनों में भारत में औसतन 850 टन ऑक्सीजन प्रतिदिन मेडिकल क्षेत्र में उपयोग हो रही थी।
अप्रैल 2020 से यह मांग बढ़ने लगी और 18 सितंबर तक हम तीन हज़ार टन प्रतिदिन इस्तेमाल करने लगे।
उन्होंने बुधवार को कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से इसलिए मौतें हुई। क्योंकि सरकार ने ऑक्सीजन निर्यात 700 प्रतिशत तक बढ़ा दिया था।
सरकार ने ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट करने वाले टैंकरों की व्यवस्था नहीं की। इसके अलावा अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने में कोई सक्रियता भी नहीं दिखाई।
स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने कहा है कि कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश से ऑक्सीजन के अभाव में किसी भी मरीज की मौत की खबर नहीं मिली है।
उन्होंने एक प्रश्न के लिखित जवाब में यह जानकारी दी हैं यह एक गैरजिम्मेदाराना बयान हैं जिसकी जितनी निंदा की जाए कम है।
ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई मौत के लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार हैं। कोरोना के कुप्रबंधन के बाद केंद्र सरकार फर्जी आंकड़ो और झूठे जवाबदेही का सहारा लेकर बचना चाहती हैं।