CM Hemant Soren raised voice: झारखंड के चीफ मिनिस्टर Hemant Soren ने एक बार फिर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को ओपेन लेटर लिखकर राज्य का बकाया 1.36 लाख करोड रुपए देने की आवाज उठाई है। हेमंत ने मोदी के नाम लिखे पत्र को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर पोस्ट किया है।
झारखंड का हक, विकास के लिए जरूरी
लेटर में लिखा है कि यह राशि झारखंड का हक है और राज्य के विकास के लिए यह बहुत जरूरी है। यह पैसा झारखंड के विकास के लिए उपयोग किया जाएगा, जिससे राज्य के लोगों को बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार मिलेगा। उन्होंने लिखा है कि कोयला कंपनियां बकाया नहीं दे रही हैं।
इस संदर्भ में उन्होंने न्यायिक निर्देश का भी हवाला दिया। कहा कि कई स्तर पर वे अपनी बातें उठाते रहे हैं। केंद्रीय वित्त मंत्रालय और नीति आयोग के समक्ष भी यह मामला उठा है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया है राज्यों को रॉयल्टी का हक
बता दें कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के नौ जजों की खंडपीठ ने भी कहा है कि खनन और रायल्टी राज्यों का अधिकार है। हेमंत का कहना है कि हक नहीं मिलने के कारण झारखंड की आर्थिक और सामाजिक परियोजनाएं प्रभावित हो रही हैं।
पिछले महीने हेमंत सोरेन ने सुझाव दिया था कि कोल कंपनियों के रिजर्व बैंक खाते से यह राशि वैसे ही वापस किया जाए। जिस प्रकार DVC ने झारखंड बिजली वितरण निगम (Jharkhand Electricity Distribution Corporation) से पैसे सीधे खाते में ले लिए थे। इस राशि के भुगतान में देरी के कारण वे पत्र लिखने के लिए बाध्य हैं।
पावर कंपनियां अगर भुगतान में देरी करती है तो 12 प्रतिशत की राशि से ब्याज लेती है। लेकिन कोल कंपनियां बकाया तक देने को तैयार नहीं है। यह अच्छी स्थिति नहीं है। इससे राज्य को क्षति हो रही है।