रांची: राजद सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव से जुड़े चारा घोटाला के सबसे बड़े मामले आरसी-47 ए/ 96 में तत्कालीन वित्त सचिव फूलचंद सिंह की ओर से बहस गुरुवार को भी जारी रही।
मामले में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत में सुनवाई हुई। फुलचंद सिंह की ओर से बहस अभी जारी रहेगी।
फूलचंद सिंह ने बताया कि उनके पास फाइल नहीं पहुंचती थी और डायरेक्ट फाइल एडिशनल कमिश्नर से मंत्री के पास चली जाती थी।
इससे जुड़े कागजात उन्होंने अदालत में दिखाएं। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि 28 अगस्त निर्धारित की गयी है। यह जानकारी सीबीआइ के वरीय विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने दी।
सीबीआइ के वरीय विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने बताया कि चारा घोटाला का यह सबसे बड़ा मामला है, जहां सीबीआई की ओर से बहस पूरी हो गई है।
इस मामले में अवैध निकासी, फर्जी आवंटन, फर्जी आपूर्ति पत्र विपत्र से की गई। चारा घोटाला के पशुओं का चारा दवा एवं उपकरणों की आपूर्ति के लिए अवैध राशि की निकासी की गई थी।
उन्होंने बताया कि पशुओं की ढुलाई के लिए स्कूटर, बाइक, ऑटो और जीप आदि का प्रयोग किया गया था।
इसमें पशुपालन विभाग के क्षेत्रीय पशुपालन अधिकारी विभाग के अधिकारी बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, तत्कालीन पशुपालन मंत्री की सांठगांठ से सरकार के राजस्व की गड़बड़ी की गई थी।
बचाव पक्ष में लालू समेत अन्य आरोपियों ने कुल 26 गवाही दर्ज कराई थी।
डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़े मामले में लालू सहित 110 आरोपी ट्रायल फेस कर रहे हैं।
सीबीआई ने प्रारंभ में 170 लोगों को आरोपी बनाया था। लालू सहित 147 आरोपियों के खिलाफ आरोप गठित किया गया था।
सुनवाई के दौरान अब तक बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ जगन्नाथ मिश्र सहित 37 आरोपियों का निधन हो चुका है।