रांची: झारखंड कांग्रेस के सचिव रणविजय सिंह ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आग्रह किया है कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) की परीक्षाओं में द्वितीय पत्र में भोजपुरी, मगही, मैथिली, अंगिका भाषा को शामिल किया जाए।
बुधवार को प्रेस क्लब में आयोजित प्रेसवार्ता में उन्होंने कहा कि पांच अगस्त को कैबिनेट की बैठक में 12 क्षेत्रीय एवं जनजातीय भाषाओं को चिन्हित कर स्वीकृति दी गई।
चिन्हित क्षेत्रीय एवं जनजातीय भाषाएं कोयलांचल में व्यापक तौर पर प्रयोग में नहीं लाई जाती जिसके कारण कुछ अन्य जिलों में छात्रों को झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं में समान अवसर नहीं मिल पाएगा।
उन्होंने कहा कि कोयलांचल में जन सामान्य की भाषा मगही और भोजपुरी है। चूंकि, कोयलांचल के अलावा पलामू प्रमंडल, चतरा, रांची, बोकारो, कोडरमा, गिरिडीह, गोड्डा एवं जमशेदपुर जिलों में भी मगही और भोजपुरी भाषा का काफी चलन है।
इन जिलों के परीक्षार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए मगही, भोजपुरी को द्वितीय पत्र में क्षेत्रीय भाषा के रूप में शामिल करने की दिशा में जरूरी कदम उठाया जाए।