रांची: आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने कहा है कि सामाजिक न्याय यात्रा के तहत पिछड़ा आरक्षण बढ़ाने की यह लड़ाई पूरे राज्य में वृहद स्वरूप ग्रहण करेगी।
चाहे हमारी प्रतिबद्धता की बाजी लग जाए, पिछड़ा आरक्षण बढ़ाने की मांग और जनभावना के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे।
आठ अगस्त से शुरू हुआ यह आंदोलन हेमंत सोरेन सरकार के लिए चेतावनी है।
बुधवार को मोरहाबादी मैदान में आजसू के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि शासक जब कमजोर होता है, वादाखिलाफी करता है, तो जनआवाज को दबाने के लिए पुलिस और बेकरिकेड का इस्तेमाल करता है। तीन दिनों से हेमंत सरकार राजधानी रांची में यही कर रही है।
आज विधानसभा में पिछड़ा आरक्षण, नियोजन नीति और जातीय जनगणना को लेकर सरकार का ध्यान खींचते हुए हमने जानना चाहा कि इन अहम मसलों पर सरकार की मंशा क्या है, तो मुख्यमंत्री का स्पष्ट उत्तर नहीं मिला।
उन्होंने कहा कि सीएम ने पिछड़ा आरक्षण के सवाल पर केंद्र सरकार का हवाला दिया, जबकि हमने कहा कि यह सीधे राज्य से जुड़ा विषय है। ओबासी समाज की नजर राज्य सरकार पर लगी है।
झारखंड में आरक्षण की सीमा 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने की मांग को लेकर 9100 गांवों की यात्रा कर सीएम के नाम लगभग दस लाख स्मरण पत्रों में लोगों से हस्ताक्षऱ कराया गया है।
ये महज कागज का टुकड़ा नहीं है, बड़ी आबादी की हकमारी के खिलाफ तहरीर है, जिसकी अनदेखी करना सरकार के लिए आसान नहीं होगी।
सभी कार्यकर्ता, समर्थक संकल्प लें कि यह लड़ाई बड़ी आबादी को हक दिलाकर रहेगी।
इससे पहले सुदेश कुमार महतो, सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी, रामचंद्र सहिस आदि के नेतृत्व में रांची सहित लातेहार, खूंटी, लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, पूर्वी सिंहभूम, और खरसांवा सरायकेला के कार्यकर्ता, समर्थकों का हुजूम उमड़ा।
ढोल-नगाड़े के साथ सभी जुलूस की शक्ल में सीएम सचिवालय के लिए निकले, जिन्हें पुलिस ने बैरिकेड लगाकर रोक दिया।