रांची: झारखंड अभिभावक संघ के अध्यक्ष अजय राय ने कहा है कि राज्य के वित्त तथा खाद्य आपूर्ति मंत्री रामेश्वर उरांव का बयान राज्य के लाखों सरकारी शिक्षकों के मनोबल को तोड़ने वाला है।
उन्होंने रविवार को कहा कि रामेश्वर उरांव के बयान को पढ़ने से यह प्रतीत होता है कि अगर सरकारी स्कूलों के शिक्षक इतने नकारा हैं, जिसके कारण अभिभावक प्राइवेट स्कूलों की ओर रुख कर रहे हैं तो इन परिस्थितियों में सूबे की हेमंत सरकार शिक्षकों का वेतन बंद करे।
क्योंकि, आज उरांव के इस बयान से कोई भी अभिभावक अब अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजने से पूर्व एक बार जरूर सोचेगा।
उन्होंने कहा कि संघ सूबे की हेमंत सरकार से जानना चाहा है कि उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी जो बातें कह रहे हैं, सरकारी स्कूलों के संबंध में अगर वह सच है तो राज्य सरकार सरकारी स्कूलों को बंद कर उसकी बजट की राशि प्राइवेट स्कूलों को दें ताकि प्राइवेट स्कूल में गरीबों के बच्चे भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ग्रहण कर सके।
अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में क्यों भेजेगा?
यह मांग करते हुए अजय राय ने कहा कि रामेश्वर उरांव के इस बयान से अभिभावक पसोपेश में आ गए है कि जब राज्य के वित्त मंत्री सरकारी स्कूलों की अपेक्षा प्राइवेट स्कूल ज्यादा गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा दे रहे है तो कोई भी अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में क्यों भेजेगा।
यह प्रश्न अब हेमंत सोरेन की सरकार के लिए एक प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है।
यह बयान उन शिक्षकों के लिए काफी अपमानित करने वाला
राय ने कहा कि जिस सरकारी स्कूल से पढ़कर रामेश्वर उरांव आईपीएस बने और आज राज्य के मंत्री हैं।
उनका यह बयान उन शिक्षकों के लिए काफी अपमानित करने वाला है, जिसमें उरांव ने सरकारी स्कूलों के शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए प्राइवेट स्कूलों की तरफदारी की है।
अजय राय ने कहा कि वो इस सम्बन्ध में जल्द ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर और राजद के प्रदेश अध्यक्ष से मिलकर ज्ञापन सौपेंगे।