रांची: राजधानी रांची में जमीन का खेल किस तरह चल रहा है, इसका अंदाजा उसी से लगाया जा सकता है कि एक एक महिला वकील की जमीन पर जबरन कब्जा करने वालाें के खिलाफ प्राथमिकी तक दर्ज नहीं हो रही है।
मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है। साथ ही कोर्ट ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए एसएसपी को आदेश का पालन करवाकर जल्द ही कोर्ट को सूचित करने का निर्देश दिया है।
लिखित शिकायत के बावजूद पुलिस ने दर्ज नहीं की प्राथमिकी
मंगलवार काे जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की काेर्ट ने कहा कि काेर्ट के संज्ञान में लाई गई इस असाधारण स्थिति को देखकर कोर्ट मूकदर्शक नहीं रहेगा।
इसमें कोई संदेह नहीं है कि कानून और व्यवस्था का मामला राज्य सरकार का विषय है। कोर्ट का इससे कोई लेना-देना नहीं है।
साथ ही अगर काेर्ट के किसी अधिकारी को इस तरह परेशान किया जा रहा है, तो काेर्ट हस्तक्षेप करने के लिए बाध्य है।
कोर्ट ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि याचिकाकर्ता द्वारा लिखित शिकायत के बावजूद रातू पुलिस प्राथमिकी दर्ज नहीं कर रही है। याचिका में लगाए गए आरोप बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण हैं।
कोर्ट ने महिला वकील की जमीन पर चल रहे निर्माण कार्य काे बंद कराने और आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश रांची एसएसपी को दिया है।
क्या है मामला
एडवाेकेट स्वीटी ने याचिका दायर की है। स्वीटी की ओर से एडवाेकेट एसाेसिएशन के अध्यक्ष ऋतु कुमार और अधिवक्ता नलिनी झा ने काेर्ट काे बताया कि याचिकाकर्ता की मां ने साल 1986 में गुटुवा माैजा में प्लाॅट संख्या-12 और खाता संख्या-174 की जमीन खरीदी थी।
जमीन पर कुछ लाेग कब्जा कर रहे हैं। इसके खिलाफ उन्हाेंने पुलिस से शिकायत की थी और प्राथमिकी दर्ज करने काे कहा था, लेकिन पुलिस ने अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की है।
इसके बाद रांची एसएसपी काे सूचना दी गई, लेकिन काेई कार्रवाई नहीं हुई। काेराेना काल में उनके माता-पिता का निधन हाे गया है।