BJP के घोषणा पत्र पर JMM ने कह दी ये बात, गोगो-दीदी योजना….

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Gogo-Didi scheme: शनिवार को झामुमो के केंद्रीय कैंप कार्यालय में पार्टी के केंद्रीय महासचिव Supriyo Bhattacharya  ने झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए जारी भारतीय जनता पार्टी के प्रथम घोषणा पत्र को प्रण नहीं, प्रपंच करार दिया।

कहा कि गोगो-दीदी योजना (Gogo-Didi scheme) में अब इन्हें बताना पड़ रहा है कि संथाली भाषा गोगो का अर्थ क्या होता है, गोगो का मतलब मंईयां होता है।

इस तरह यह मंईयां सम्मान योजना की नकल है। सस्ता सिलेंडर देने की योजना कांग्रेस की कई प्रदेशों में चल रही सरकार की नकल है। आवास देने की योजना हेमंत सोरेन सरकार की अबुआ आवास योजना की कॉपी है।

बेरोजगार हो गए थे भाजपा के नेता

सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि रघुवर राज में सिर्फ अनुबंध पर नौकरी देने वाली भाजपा सरकार अब सरकारी नौकरी देने का वादा करने का प्रपंच कर रही है।

भारतीय जनता पार्टी का घोषणा पत्र की पहली कड़ी को पंचतंत्र की कहानी बताते हुए सुप्रियो ने कहा कि विक्रम-बेताल की कहानी जैसा है।

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झामुमो नेता ने तंज कसते कहा कि 5 साल तक झारखंड भाजपा के लोग राजनीतिक रूप से बेरोजगार हो गए थे। सुप्रियो ने कहा कि हमारी योजना अब भूत बन कर उनके (भाजपा) के पीछे हैं।

बन्ना गुप्ता ने भी कसा तंज

जमशेदपुर में झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बना गुप्ता ने भी भाजपा की घोषणा पत्र में पंचप्रण पर तंज करते हुए कहा कि बाढ़ के समय जो हाल सांप और चूहा का होता है, वर्तमान में भाजपा का वही हाल है।

मीडिया से बात करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव आते ही भाजपा को अब जनता की फिक्र होने लगी है। जनता को गुमराह करने के लिए नए-नए झूठे वादे किए जा रहे हैं।

2014 में Narendra Modi ने भी यही कहा था की काला धन वापस लाएंगे, सबके खाते में 15 लाख रुपये जाएंगे लेकिन वो जुमला निकला।

बन्ना ने कहा कि कहीं न कहीं भाजपा झारखंड सरकार की मंईयां सम्मान योजना से परेशान है। यही कारण है कि अब वो गोगो दीदी योजना के तहत 2100 रुपये देने की बात कर रही है।

सरना धर्म कोड पर चुप्पी क्यों

Banna ने कहा कि भाजपा ने गरीबों का शोषण किया है। पूंजीपतियों को बढ़ावा दिया है। आज बड़े-बड़े व्यवसायी भाजपा के हितैषी पैसे डकार कर बैठ गए हैं।

लेकिन, उनपर बोलने वाला कोई नहीं है। ऐसे में राज्य की जनता भी अब भाजपा के झूठे वादे में नहीं पड़ने वाली है। आखिर ये सरना धर्म कोड पर चुप्पी क्यों साधे हुए हैं।

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