रांची : झारखंड सरकार कोरोना की तीसरी संभावित लहर से लड़ने के लिए नयी तकनीक की जानकारी से युक्त प्रशिक्षित कोरोना योद्धाओं को तैयार कर रही है।
सरकार के एक अधिकारी ने आज विज्ञप्ति में बताया कि राज्य सरकार का मानना है कि प्रशिक्षण में नई तकनीक और तरीक़ों के बारे में स्वास्थ्य कर्मियों को जानकारी दी जाये, क्योंकि कोरोना से लड़ना है तो जानकारी, तकनीक और नये तरीके जानना जरुरी है।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों की कमी को दूर करने के लिए पाठ्यक्रम को स्वास्थ्यकर्मियों को आधुनिक तकनीक के साथ प्रशिक्षित करने के लिए डिजाइन किया गया है।
इस प्रशिक्षण में सारी बारीकियों से स्वास्थ्यकर्मियों को अवगत कराया जा रहा है और स्वास्थ्यकर्मी कोरोना के खिलाफ जंग के लिए खुद को तैयार कर रहें हैं।
उन्होंने बताया, स्वास्थ्यकर्मियों के लिए महामारी विज्ञान पर इस आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का विषय बहुत ही गहन है। स्वास्थ्यकर्मियों को घर-घर सर्वेक्षण, कोरोना अनुरूप व्यवहार, जैव चिकित्सा, अपशिष्ट प्रबंधन के साथ-साथ संक्रमण नियंत्रण पर भी जानकारी दी जा रही है।
सिमडेगा स्थित बानो की एएनॉएम अंजना उरावं समेत करीब 90 महिलाएं भी खुद को कोरोना योद्धा के रूप में तैयार करने के लिए प्रशिक्षण प्राप्त कर रहीं है।
झारखण्ड सरकार और एचडीएफसी बैंक ‘परिवर्तन’ की पहल पर यह प्रशिक्षण स्वास्थ्य कर्मियों, सहिया दीदी, आशा दीदी को दिया जा रहा है।
ये सभी झारखंड के दूर-दराज के इलाकों में स्वास्थ्य सेवा बहाल रखने के लिए काम कर रहे हैं।
नर्सिंग कौशल कॉलेज चान्हो, गुमला एवं चाईबासा में 15 दिवसीय इस आवासीय प्रशिक्षण में 90 प्रशिक्षुओं को भारतीय सैन्य सेवा के सेवानिवृत्त चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
प्रशिक्षण में एनाटॉमी, संक्रमण नियंत्रण, महामारी विज्ञान, टीकाकरण, ऑक्सीजन प्रशासन, इंजेक्शन, कीटाणुशोधन, नर्सिंग प्रयोगशाला प्रौद्योगिकी, प्राथमिक चिकित्सा, फिजियोथेरेपी से जुड़ी जानकारी भी दी जा रही है।