रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने कहा कि आदिवासियों के नाम पर राजनीति करने वाली हेमंत सोरेन सरकार के लिए आदिवासी हित का दिखावा केवल वोट पाने का साधन है।
चाहे संथाल हूल के महानायक सिद्धो-कान्हू के वंशज रामेश्वर मुर्मू की हत्या का मामला हो या रूपा तिर्की की संदेहास्पद मौत का मामला।
दास ने सोमवार को कहा कि दोनों मामले ने हेमंत सोरेन सरकार के आदिवासी हितैषी होने की पोल खोल कर रख दी है।
हेमंत सरकार द्वारा रामेश्वर मुर्मू की हत्या की जांच सीबीआई से कराने के लिए अनुशंसा करने का दावा पिछले वर्ष सितंबर में ही किया था। लेकिन जांच का आदेश आज तक फाइल से बाहर नहीं निकल सका है।
महानायकों के मामले में तो झूठ मत बोलिए मुख्यमंत्री। दास ने कहा कि इसी तरह रूपा तिर्की की मौत का सच हेमंत सरकार सामने लाना नहीं चाहती है।
यह कैसी आदिवासी हितैषी सरकार है
उनके परिजनों द्वारा सीबीआई की जांच की मांग को लेकर हाईकोर्ट में मामला दायर किया गया है।
सीबीआई जांच से बचने के लिए हेमंत सोरेन सरकार देश के नामी-गिरामी वकीलों की फौज खड़ी कर रही है।
जानकारी के अनुसार देश के सबसे महंगे वकीलों में से एक, जो सत्ताधारी दल से जुड़े हुए भी है, उन्हें सीबीआई जांच का विरोध करने के लिए लाने का निर्णय लिया गया है। यह बहुत ही दुखद स्थिति है।
आखिर हेमंत सोरेन सरकार इस मामले में सीबीआई जांच से क्यों डर रही है और किसे बचाना चाहती है। यह कैसी आदिवासी हितैषी सरकार है।