हेमंत सोरेन सरकार ने माना, मनरेगा में हुई 51.32 करोड़ की वित्तीय अनियमितता

Newswrap

रांची: झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन बुधवार को सदन में सरकार ने माना कि मनरेगा योजना के क्रियान्वयन में वित्तीय अनियमितता हुई है।

राज्य में मनरेगा योजना में क्रियान्वयन को लेकर भाजपा विधायक अमित कुमार मंडल के सवाल किया।

योजना मद में 51.32 करोड़ की अनियमितता के एवज में सरकार ने अब तक मात्र 2.82 करोड़ रुपये की राशि वसूली कर सकी है, जबकि 111 लोगों पर प्राथमिकी, दो का निलंबन और 29 लोगों को बर्खास्त किया गया है।

विधानसभा के मानसून सत्र में सरकार की ओर से दिये जवाब में कहा गया है कि झारखंड में वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-20 और 2020-21 में सामाजिक अंकेक्षण इकाई द्वारा मनरेगा योजनाओं का किए गए सामाजिक अंकेक्षण के दौरान क्रमश: 16.46 करोड रुपये ,19.7 करोड़ रुपये ,15.3 करोड़ रुपये एवं 0.23 करोड़ रुपये, जो कुल 51.32 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता पाई गई।

इसमें फर्जी भुगतान, सामग्री ना दिया जाना, योजना का कार्य पूरा किए बगैर राशि भुगतान के मामले शामिल हैं।

सरकार की ओर से दिए गए जवाब में कहा गया कि पलामू जिले में 6.37 करोड़ रुपये, गढ़वा जिला में 5.93 करोड़ रुपये, रामगढ़ में 4.93 करोड़, हजारीबाग में 2.42 करोड़ ,रांची में 2.17 करोड़, चतरा में 1.46 करोड़, गोडडा में 2.88 करोड, दुमका में 2.36 करोड, गिरिडीह में 4.03 करोड़, साहिबगंज में 2.87 करोड़, पश्चिम सिंहभूम में 3.13 करोड़, बोकारो में 1.8 करोड़, जामताड़ा में 1.04 करोड़, देवघर में 1.04 करोड़, कोडरमा में 0.6 करोड़ तथा पाकुड़ में 1.66 करोड़ रुपए की वित्तीय अनियमितता का मामला सामाजिक अंकेक्षण में पाया गया है।

वित्तीय अनियमितता में शामिल मनरेगाकर्मियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ विभाग की ओर से अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानकारी भी सदन में दी गयी।

वर्तमान में सामाजिक अंकेक्षण में उजागर हुए मामले में अभी तक 654 लोगों को जुर्माना लगा है और 487 को चेतावनी दी गयी है।

इसके अलावा 111 लोगों पर एफआईआर के साथ ही दो के निलंबन के साथ 29 को बर्खास्त किया गया है।