रांची: धनबाद के जज उत्तम आनंद के मौत मामले में झारखंड हाई कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान अदालत ने सीबीआई से कहा कि अभी तक की जांच में कुछ नया तथ्य नहीं है।
सीबीआई उन दो आरोपितों से आगे नहीं बढ़ पाई है है। जिनकी गिरफ्तारी हुई है। मामले की सुनवाई अगले सप्ताह गुरुवार को निर्धारित की गई है।
मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डा. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ में हुई।
इसके पूर्व पिछली सुनवाई के समय अदालत ने सीबीआई की जांच रिपोर्ट देखने के बाद कहा था रिपोर्ट देखकर पता चलता है कि ऑटो चालक ने जज को जानबूझ कर टक्कर मारी है।
ऐसा ऑटो चालक ने नशे की हालत में अचानक नहीं किया है, बल्कि जानबूझकर किया है।
अदालत ने आरोपितों की 24 घंटे के बाद ब्लड व यूरिन सैंपल लेने पर भी सवाल उठाए थे।
अदालत ने एफएसएल लैब में संसाधन सहित मैन पावर की कमी पर जेपीएससी एवं एसएससी के द्वारा दायर शपथ पत्र पर भी नाराजगी जताई थी।
जेपीएससी की ओर से अदालत को यह जानकारी दी गयी थी कि रिक्त पदों को भरने के लिए मार्च में निकाला गया विज्ञापन रद्द हुआ और अब तक प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी है। मामले में गृह सचिव एवं एफएसएल निदेशक को तलब किया गया था।
कोर्ट ने जेपीएससी और एसएससी की ओर से दायर शपथपत्र को देखने के बाद राज्य सरकार के इस फैसले पर नाराजगी जाहिर की थी। रिक्त पदों को भरने के लिए मार्च में विज्ञापन निकाला गया था।
उसे फिर से कैंसिल कर दिया गया और अभी तक दोबारा विज्ञापन नहीं निकाला जा सका है इसके साथ ही कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार कोर्ट को भी अंधेरे में रखना चाहती है।
मामले की अगली सुनवाई के दौरान होम सेक्रेट्री और डायरेक्टर एफएसएल को प्रजेंट रहने को कहा गया है।कब क्या हुआ
28 जुलाई को न्यायाधीश उत्तम आनंद घर से सुबह पांच बजे मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे।
घर वापस नहीं आने पर पत्नी कीर्ति सिन्हा ने रजिस्ट्रार को फोन कर इसकी सूचना दी। रजिस्ट्रार ने मामले की सूचना एसएसपी धनबाद को दी, जिसके बाद पुलिस महकमा न्यायाधीश को ढूंढ़ने में लग गया था।
थोड़ी देर बाद रणधीर वर्मा चौक के पास न्यायाधीश घायल मिले। एएनएमएमसीएच ले जाने पर मृत घोषित कर दिया गया।
पहले इसे सामान्य सड़क हादसा माना गया, लेकिन सीसीटीवी फुटेज में एक ऑटो को जान बूझ कर धक्का मारते दिखने पर सनसनी फैल गयी।
हाइ कोर्ट ने मामले पर संज्ञान लिया। पुलिस ने देर रात चालक लखन वर्मा और उसके साथ बैठे राहुल वर्मा को गिरफ्तार किया था।
हाइकोर्ट के आदेश पर चार अगस्त को सीबीआइ ने प्राथमिकी दर्ज कर ली थी।
उसके बाद सीबीआइ दोनों आरोपियों को गुजरात और दिल्ली ले कर गयी थी, जहां उनका ब्रेन मैपिंग, वॉइस एनलाइसिस और नार्को टेस्ट हुआ।
पर अब तक सीबीआइ को इस पूरे मामले में कोई विशेष सफलता नहीं मिली है।
उल्लेखनीय है कि सीबीआइ ने बुधवार को धनबाद में पोस्टर लगा कर 10 लाख रुपये इनाम की घोषणा की है। इससे पहले सीबीआइ ने पोस्टर लगा कर पांच लाख इनाम की घोषणा की थी।