High Court gave big relief to Mamta Devi: झारखंड चुनाव के मुहाने पर खड़ा है। इस बीच दो आपराधिक मुकदमों में जिला अदालतों से सजा मिलने की वजह से वर्ष 2022 में झारखंड विधानसभा की सदस्यता गंवाने वाली कांग्रेस की पूर्व विधायक Mamta Devi को झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) से बड़ी राहत मिली है।
निचली अदालतों के फैसले पर रोक
जिला अदालतों के फैसलों को चुनौती देते हुए दायर की गई क्रिमिनल अपील पर सुनवाई करते हुए जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की बेंच ने दोनों मामलों में उनकी सजा पर रोक लगा दी है।
इसके साथ ही जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत उनके चुनाव लड़ने पर लगी रोक तात्कालिक तौर पर निष्प्रभावी हो गई है।
राज्य की रामगढ़ सीट से कांग्रेस की विधायक रहीं ममता देवी को रामगढ़ जिले के गोला थाना क्षेत्र में वर्ष 2016 में हुए बहुचर्चित गोली कांड में हजारीबाग स्थित MP-MLA कोर्ट ने वर्ष 2022 के दिसंबर महीने में पांच साल की सजा सुनाई थी।
रद्द कर दी गई थी विधानसभा की सदस्यता
दरअसल, गोला थाना क्षेत्र स्थित इनलैंड पावर लिमिटेड कंपनी (Inland Power Limited Company) में मजदूरों के शोषण का आरोप लगाते हुए ममता देवी की अगुवाई में प्रदर्शन हुआ था।
प्रदर्शन अचानक हिंसक हो उठा था और इस दौरान पुलिस ने लाठी चार्ज और फायरिंग की थी। इसमें दो लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 24 लोग घायल हो गए थे। इसी मामले में अदालत ने ममता देवी को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई थी।
इस घटना से जुड़े मामले में उनके खिलाफ रजरप्पा थाने में एक अन्य केस दर्ज हुआ था, जिसमें उन्हें रामगढ़ जिला कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई थी।
हजारीबाग की MP-MLA कोर्ट द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद रामगढ़ की तत्कालीन कांग्रेस विधायक ममता देवी को जेल जाना पड़ा था और उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी। फिलहाल, वह दोनों मामलों में पहले से जमानत पर हैं।
इन दोनों मामलों में झारखंड हाईकोर्ट में उनकी क्रिमिनल अपील पर सुनवाई के दौरान अधिवक्ता Anurag Kashyap ने दलील पेश की। राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता भोला नाथ ओझा दलील पेश की।