रांची: झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में गुरुवार को धनबाद के जज उत्तम आनंद की मौत से जुड़े मामले में सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने मामले की जांच कर रही सीबीआई की विशेष टीम से एफएसएल रिपोर्ट पेश करने को कहा।
सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि अभियुक्तों की यूरीन और ब्लड के सैंपल विश्लेषण के लिए पिछले सप्ताह ही एफएसएल को भेजे गये थे। लेकिन यह कहते हुए सैंपल लौटा दिया गया कि यहां इसकी सुविधा नहीं है।
साथ ही विशेषज्ञ भी नहीं हैं। इसलिए हमारी टीम एफएसएल की रिपोर्ट नहीं ला सकी।
अदालत ने इसे बेहद ही शर्मनाक बताते हुए कहा कि एफएसएल में रांची में यूरीन एनालिसिस की सुविधा तक नहीं है।
कोर्ट ने मामले में गहरी नाराजगी जताते हुए 27 अगस्त को राज्य के गृह सचिव और एफएसएल के निदेशक को हाजिर होने का आदेश दिया है।
इसके साथ ही मामले की अगले सुनवाई की तिथि 27 अगस्त को निर्धारित की गई है।
अदालत ने कहा कि सीबीआई को ऑटो और जज से हुई टक्कर की जगह की जांच रिपोर्ट देनी चाहिए, ताकि यह पता चल पाये की जज की मौत टक्कर से हुई है या फिर उन्हें किसी ने मारा है। क्योंकि फुटेज में ऐसा प्रतीत हो रहा है कि चालक के पास बैठे व्यक्ति ने जज को मारा है, और कोर्ट प्रथम दृष्टया ऐसा मान रही है।
कोर्ट ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जज के सिर के दाहिने हिस्से में डेढ़ इंच का घाव है, जो ऑटो के साइड मिरर से नहीं हो सकता है।सीबीआई को इस बिन्दु पर भी जांच करनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि 28 जुलाई की सुबह मॉर्निंग वॉक पर निकले धनबाद सिविल कोर्ट के जज उत्तम आनंद की संदेहास्पद परिस्थितियों में एक ऑटो द्वारा टक्कर मारने से मौत हो गई थी।
इसपर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए झारखंड हाई कोर्ट को इस मामले की सख्ती से जांच करने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार हाई कोर्ट इस मामले की लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है।
झारखंड पुलिस द्वारा प्रारंभिक दौर में इस मामले की जांच की जा रही थी, जिसके बाद सीबीआई ने इस केस को ले लिया है और जांच कर रही है।