रांची: झारखंड हाई कोर्ट में धनबाद के जज उत्तम आनंद की हत्या मामले में मंगलवार को सुनवाई हुई। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन की बेंच में मामले की सुनवाई हुई।
अदालत ने विशेष अनुसंधान टीम ( एसआईटी) की स्टेटस रिपोर्ट पर कड़ी नाराजगी जताई।
अदालत ने इस दौरान कई सवाल उठाए और पूछा कि जब घटना सुबह 5:08 की है, तो प्राथमिकी 12:45 पर क्यों दर्ज की गई। जबकि सीसीटीवी फुटेज में जज को तुरंत उठाकर निजी अस्पताल पहुंचाया गया है।
अदालत ने ये भी पूछा कि क्या फर्द बयान के बाद ही प्राथमिकी दर्ज किए जाने का प्रावधान है।
सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है। इसके लिए सरकार के स्तर से अनुशंसा की गई है।
उल्लेखनीय है कि धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश 8 उत्तम आनंद की बीते बुधवार को संदेहास्पद मौत हो गई थी। रोज की तरह वे मॉर्निंग वॉक करने अपने आवास से गल्फ ग्रांउड जा रहे थे।
इसी दौरान रणधीर वर्मा चौक के आगे जज कॉलोनी मोड पर एक ऑटो ने उन्हें जोरदार टक्कर मारी दी। जिसके बाद तुरंत उन्हें एसएनएमसीएच ले जाया गया।
जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सूचना पाकर धनबाद के प्रधान जिला न्यायधीश और मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सहित जिले के तमाम न्यायिक पदाधिकारी एसएनएमसीएच पहुंचे थे। जज उत्तम आनंद को मॉर्निंग वॉक के दौरान जिस ऑटो ने टक्कर मारी थी और उनकी मौत हो गयी थी।
मामले में पुलिस ने त्वरित कार्यवाई करते हुए ऑटो को जब्त किया। धनबाद थाना में ऑटो को रखा गया है।
ऑटो को गिरिडीह से बरामद किया गया है। साथ ही गिरिडीह से ही मामले में दो लोगों ऑटो चालक राहुल वर्मा और लखन वर्मा को गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने ऑटो मालिक को भी हिरासत में लिया है और पूछताछ जारी है। ऑटो पाथरडीह थाना क्षेत्र के रहने वाले रामदेव विश्कर्मा की है।
रामदेव के अनुसार, रोज की तरह मंगलवार की रात भी अपनी ऑटो अपने दरवाजे के सामने लगाया था। लेकिन बुधवार की अहले सुबह जब अपने घर से बाहर निकला तो, देखा कि ऑटो चोरी हो गई है । इसके बाद मामले की जानकारी पास के थाना को दी।
मामले कि जांच एसआईटी कर रही है। मालूम हो कि न्यायाधीश उत्तम आनंद चर्चित रंजय हत्याकांड की सुनवाई कर रहे थे।
रंजीत सिंह धनबाद के बाहुबली नेता और झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह के काफी करीबी माने जाते थे।
कुछ दिन पूर्व ही शूटर अभिनव सिंह व अमन के गुर्गे रवि ठाकुर की जमानत याचिका इन्होंने खारिज कर दी थी।
धनबाद बार एसोसिएशन के द्वारा निर्मित पत्र में न्यायाधीश उत्तम आनंद की मृत्यु को संदेहास्पद बताते हुए बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को रद्द कर दिया था।
मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी से स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी।