रांची: एनएसएस के स्वयंसेवक मानव हित का कार्य करते हैं। कोविड-19 जैसे महामारी में भी स्वयंसेवकों ने जान जोखिम में डालकर मानव हित का कार्य किया है।
हम मां भारती के संतान हैं एवं मां भारती की रक्षा करना हमारा दायित्व है।
उक्त बातें कोरोनाकाल में स्वयंसेवकों के कार्यों एवं अनुभवों की समीक्षा विषयक पर बुधवार को आयोजित एक दिवसीय वेबिनार में बतौर मुख्य अतिथि झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कही।
उन्होंने कहा कि हमारे स्वयंसेवक कोरोना काल में मां भारती के ऊपर आई आफत घड़ी में आगे आए।
हमलोगों के सामूहिक प्रयास से आज कोविड-19 का दूसरे चक्र पर समाप्ति की कगार पर है, लेकिन हमे वैज्ञानिकों के सुझाव कोविड-19 के तीसरे लहर को हल्के में नहीं लेना है।
उन्होंने रश्मिरथी में रामधारी सिंह ”दिनकर, की लिखी कविता पंक्तियों को सिलसिलेवार सुनाया। उन्होंने कहा कि कोविड 19 मानव-मानव को दूर कर दिया है।
जापानी टेक्नोलॉजी पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि सभी देशों ने इसे स्वीकार किया है। स्वास्थ्य मंत्री ने प्रकृति संरक्षण पर विशेष ध्यान देने की बात कही।
उन्होंने रक्त के चार कंपोनेंट लाल रक्त कण, श्वेत रक्त कण, प्लाज्मा एवं प्लेटलेट्स को दीर्घकालीन संग्रहन की जानकारी दी तथा कहा कि सात जिले में इसकी स्थापना हुई है।
मौके पर रांची विद्यालय की कुलपति डॉ कामिनी कुमार ने कहा कि कोरोनाकाल की महामारी में एनएसएस के स्वयंसेवकों ने उत्कृष्ट सामाजिक कार्य किया है।
कोविड-19 महामारी के दौरान मास्क वितरण, समाजिक दूरी बनाना, जागरूकता, वैक्सीन टीकाकरण में सहभागिताी जैसे अनेकों कार्य किया है।
भारत सरकार के युवा मामले एवं खेल विभाग के संयुक्त सचिव असित सिंह ने कहा कि देश में एनएसएस एवं एनवाईकेएस 75 लाख स्वयंसेवक हैं, जिसमें से केवल एनएसएस के 40 लाख स्वयंसेवक है एवं 62 लाख युवा योद्धा के रूप में जुड़े हैं।
उन्होंने कहा कि पूरे देश में एनएसएस के लाखों स्वयंसेवक कोरोना काल में सक्रिय भागीदारी कर रहे हैं।
इनके कार्य की प्रशंसा देश के प्रधानमंत्री के मन की बात में उल्लेख किया गया। उन्होंने कहा कि झारखंड में भी एनएसएस के कार्यों में काफी कॉर्डिनेशन है एवं काफी सराहनीय कार्य हो रहे हैं। इस अवसर पर ब्रजेश कुमार आदि उपस्थित थे।