रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि टोक्यो ओलिम्पिक में भारतीय महिला हॉकी टीम को भले ही कांस्य पदक भी नहीं मिल सका, लेकिन सभी बहनों ने कांस्य पदक के मैच में पिछले ओलिम्पिक की स्वर्ण पदक विजेता ग्रेट ब्रिटेन की टीम को जिस प्रकार टक्कर दी, वह काबिले तारीफ है। मैं पूरी भारतीय महिला हॉकी टीम को सलाम करता हूं।
झारखण्ड की बेटियों और मेरी बहनों ने भारतीय महिला टीम के प्रदर्शन में अद्भुत योगदान दिया।
झारखण्ड सरकार ने ओलिंपिक शुरू होने से पहले ही घोषणा कर दी थी कि राज्य के खिलाड़ियों के स्वर्ण जीतने पर दो करोड़, रजत जीतने पर एक करोड़ और कांस्य जीतने पर 50 लाख रुपये दिये जायेंगे।
इसी क्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय महिला टीम कांस्य की जंग में जीत नहीं पाई।
झारखण्ड की बेटियों के बेहतर प्रदर्शन के लिए भारतीय महिला हॉकी टीम में शामिल सभी झारखण्ड की बेटी खिलाड़ियों को सरकार अपने पूर्व के फैसले को संशोधित कर 50-50 लाख रुपये देगी और सभी के पैतृक घर को पक्के के मकान में तब्दील करायेगी।
उन्होंने कहा कि भारतीय महिला हॉकी टीम ने सेमीफाइनल में पहुंच कर इतिहास रच दिया और अपने जज्बे से साबित कर दिया कि वह दुनिया की बेहतर से बेहतर टीम को टक्कर देने का माद्दा रखती है।
भारतीय महिला टीम को इस मुकाम तक पहुंचाने में हर एक खिलाड़ी, कोच और सभी सपोर्ट स्टाफ का अतुलनीय योगदान है।
सभी के प्रति मैं और पूरा झारखण्ड दिल की गहराइयों से आभार व्यक्त करता है तथा उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए बधाई और भविष्य के लिये शुभकामनाएं देता है।
झारखण्ड सरकार खेल के क्षेत्र में आगे आने वाले खिलाड़ियों को हर प्रकार की सुविधा देने के प्रति दृढसंकल्पित है।
अभी हाल में ही हमारी सरकार ने खेल में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी प्रदान की है। यह क्रम जारी रहेगा।
हमारे युवाओं में प्रतिभा की कमी नहीं है। हमारी सरकार उनकी प्रतिभा को निखारने के लिए हर संभव सुविधा प्रदान करेगी ताकि दुनिया भर में भारत का डंका बजे और झारखंडी खिलाड़ियों का लोहा हर कोई माने।