रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के बयान पर पलटवार किया है।
झामुमो ने कहा है कि भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी मानसिक अवसाद में है।
विगत चार जून को सरकार के मंत्री मंडल द्वारा राज्यपाल के स्वीकृति से जनजातीय सलाहकार परिषद (टीएसी) नियमावली 2021 को राज्य में लागू किया गया। उस पर सवाल उठा रहे हैं।
झामुमो महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने सोमवार को प्रेसवार्ता में कहा कि बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि टीएसी का अध्यक्ष मुख्यमंत्री और आदिवासी होना चाहिए।
वह भूल गए कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आदिवासी हैं। पिछले पांच साल में उन्हीं के पार्टी के अध्यक्ष थे जो गैर आदिवासी थे।
भट्टाचार्य ने कहा कि उन्हें डर सता रहा है कि 50 साल बाद भाजपा की सरकार अगर आती है तो गैर आदिवासी सीएम बन जाता है उस वक्त के लिए उन्हें चिंता सताने लगी है। ऐसे भी भाजपा 50 वर्ष तक यहां सरकार में आने वाली नहीं है।
इसलिए यह बातें उन्होंने कही। वह कहते हैं कि इस कमेटी का वह इसलिए विरोध कर रहे हैं कि इसमें कोई महिला नहीं है। शायद वह भूल गए हैं कि विधायक सीता सोरेन टीएसी की सदस्य हैं।
उन्होंने कहा कि पांचवी अनुसूची के तहत छत्तीसगढ़ में टीएसी का गठन हुआ था। 2012 में हाई कोर्ट में केस हुआ। 2013 में इसका जजमेंट आया।
मुख्यमंत्री को अधिकार है। हर राज्य की राज्यपाल काउंसिल आफ मिनिस्टर्स की अवाइड होती है। हर कानून गवर्नर के नाम होता है। इसलिए यह जायज है।