रांची: झारखंड हाई कोर्ट में धनबाद के जज उत्तम आनंद हत्याकांड मामले में शुक्रवार को सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि ऑटो के टक्कर से ही जज की मौत हुई है।
कोर्ट ने सीबीआई को कहा कि इस मामले की जांच अच्छी तरह से करके पता करें कि मौत के पीछे किसी का षड्यंत्र तो नहीं है। साथ ही कोर्ट ने दोनों आरोपितों को पर्याप्त सुरक्षा देने को कहा है।
सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोर्ट को जानकारी देते हुए बताया कि अभी सीबीआई जांच प्रक्रिया में लगी हुई है। नार्को टेस्ट के लिए सैंपल दूसरे राज्य में भेजा गया है।
इस पर कोर्ट ने कहा कि जो जांच रिपोर्ट आएगी, उसे प्लेन से लाया जाये। क्योंकि, ट्रेन से आने के दौरान उसमें छेड़छाड़ हो सकता है।
इस दौरान गृह सचिव और एफएसएल के निदेशक कोर्ट में हाजिर हुए।
गृह सचिव ने बताया कि एफएसएल लैब का विस्तारीकरण करने के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और जल्दी से शुरू करा दिया जाएगा, जिससे सारी जांच प्रक्रिया अब झारखंड में होगी।
कोर्ट ने उनसे कहा कि राज्य में जब एक ही एफएसएल लैब है तो इसमें जरूरी जांच को सुविधा होनी जरूरी है।
कोर्ट ने निदेशक को इस बात की जानकारी कोर्ट को देने को कहा कि लैब के कितने पद रिक्त हैं और क्या-क्या है। नई जांच की सुविधा की जरूरत है।
मामले की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चीफ जस्टिस डा. रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में हुई। सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता राजीव रंजन मौजूद थे।
इससे पूर्व मामले की सुनवाई 19 अगस्त को हुई थी। सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से जांच की प्रगति रिपोर्ट तो पेश की गयी थी लेकिन एफएसएल रिपोर्ट नहीं।
सीबीआई ने कोर्ट को बताया था कि इस मामले के अभियुक्त की यूरिन और ब्लड सैंपल की जांच के लिए एफएसएल को भेजा गया था लेकिन एफएसएल ने यह कहते हुए सैंपल लौटा दिया कि यूरिन और ब्लड सैंपल के विश्लेषण की सुविधा नहीं है और न ही यहां विशेषज्ञ हैं।
इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए राज्य के गृह सचिव और एफएसएल के निदेशक को अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया था।
उल्लेखनीय है कि 28 जुलाई की सुबह मॉर्निंग वॉक पर निकले धनबाद सिविल कोर्ट के जज उत्तम आनंद की संदेहास्पद परिस्थितियों में एक ऑटो द्वारा टक्कर मारने से मौत हो गई थी।
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए झारखंड हाई कोर्ट को इस मामले की सख्ती से जांच करने का निर्देश दिया।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार हाई कोर्ट इस मामले की लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है।
झारखंड पुलिस द्वारा प्रारंभिक दौर में इस मामले की जांच की जा रही थी, जिसके बाद सीबीआई ने इस केस को ले लिया है और जांच कर रही है।