रांची: कोरोना की दूसरी लहर के बाद तीसरी लहर आने की संभावना को देखते हुए झारखंड सरकार की ओर से लगातार स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन लगातार तीसरी लहर के मद्देनजर स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। तीसरी लहर के दौरान झारखंड के सात लाख 17 हजार 484 बच्चे संक्रमित हो सकते हैं।
यह जानकारी कोरोना की तीसरी लहर के अनुमान व रोकथाम को लेकर सरकार की ओर से गठित इंपावर्ड कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में दी है। कमेटी ने राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है।
भारत सरकार के मार्गदर्शन में देश के विशेषज्ञों से परामर्श के इस कमेटी ने अपने सुझाव सरकार को दिए हैं।
कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि राज्य में कोरोना की संभावित तीसरी लहर में 7,17,484 बच्चों (18 साल तक) के संक्रमित होने की आशंका है।
रिपोर्ट के मुताबिक रांची में सर्वाधिक 63,382, धनबाद में 58,387, गिरिडीह में 53,188 और पूर्वी सिंहभूम में 49,892 बच्चे संक्रमित हो सकते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना की तीसरी लहर में झारखंड में पांच प्रतिशत पॉजिटिविटी रह सकती है।
2,87,000 बच्चों को सिम्पटोमेटिक कोविड हो सकता है। 8610 बच्चों को आईसीयू की जरुरत पड़ सकती है।
कमेटी ने कहा है कि तीसरी लहर में संक्रमित बच्चों के इलाज को लेकर राज्य में 1000 आईसीयू बेड की तत्काल जरूरत पड़ेगी।
इसके लिए 500 आईसीयू बेड सरकारी अस्पताल और 500 बेड निजी अस्पतालों में तैयार रखने की बात कही गयी है।
कमेटी ने कहा है कि तीसरी लहर में 5-18 साल तक के बच्चों में सर्वाधिक संक्रमण की आशंका है।
इसमें 82 प्रतिशत बच्चे जहां हल्के बीमार हो सकते हैं। जबकि लक्षण वाले 15 प्रतिशत बच्चे मध्यम और लक्षण वाले तीन प्रतिशत बच्चे गंभीर रूप से बीमार हो सकते हैं।